पेटभर खाना खाओ, अगली बार यहां से गुजरो तो बिल चुका देना
खंडवा/महू-मानपुर, ब्यूरो। 500 और 1000 रुपए के नोटों का चलन बंद हो चुका है। आमजन को खुल्ले रुपए नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे में हाइवे के ढाबा संचालक खुल्ले रुपए नहीं होने के बाद भी ट्रक ड्रायवरों और अन्य लोगों को खाना खिला रहे हैं, वे कहते हैं कि पेटभर खाना खाओ जब अगली बार यहां से गुजरो तो बिल चुका देना। इसी तरह किराना व्यवसायी और अन्य छोटे व्यापारी भी लोगों को जरूरत की वस्तुएं उधार उपलब्ध करा रहे हैं।
उधर महू और मानपुर में इस मुसीबत में कुछ होटल और ढाबा संचालकों का एक मानवीय पहलू भी सामने आया, जब ढाबा संचालकों ने बाजार से उधार राशन लेकर उन्हें मुफ्त भोजन कराया और उन्हें खुल्ले पैसे भी दिए। एबी रोड पर देश के करीब 12 प्रदेशों के हजारों ट्रक होकर गुजरते हैं। ज्यादातर ट्रक ड्राइवर इस लंबे रूट पर वर्षों से सफर कर रहे हैं। ऐसे में सड़क किनारे के ढाबे वालों से एक दोस्ताना संबंध बन चुका है। यह दोस्ती तब काम आई जब इन ड्राइवरों को इसकी जरूरत पड़ी। इस दरियादिली से मालवी संस्कृति की छाप और गहरी हो गई।
इंदौर-इच्छापुर हाइवे पर देशगांव और छैगांवमाखन के ढाबों पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आंध्रप्रदेश सहित देश के अन्य क्षेत्रों के ट्रक रुकते हैं। इनके ड्रायवर और हेल्पर के पास 500 और 1000 के नोट होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
देशगांव के ढाबा संचालक गणपत राठौर ने बताया कि पंजाब और हरियाणा की ओर से आ रहे ट्रक ड्रायवर बड़े नोट लेकर आ रहे हैं। हम 500-1000 के नोट तो नहीं ले सकते लेकिन उन्हें भोजन जरूर करा रहे हैं। वे इस रूट पर ट्रक लाते रहते हैं। हम उन्हें कह रहे हैं कि अगली बार जब यहां से गुजरो तब रुपए दे देना।
छैगांवमाखन में ढाबा संचालक राजू शास्त्री ने कहा कि रोजाना 8 से 10 ऐसे ट्रक ड्रायवर और परिवार आ रहे हैं, जिनके पास खुल्ले रुपए नहीं रहते। ऐसे में उन्हें भरपेट भोजन कराते हैं और उनकी जब इच्छा होगी रुपए दे जाएंगे। जवाहरगंज मार्ग स्थिति किराना व्यवसायी संतोष पालीवाल ने बताया कि कई लोग दैनिक उपयोग का सामान लेने आ रहे हैं लेकिन उनके पास खुल्ले रुपए नहीं हैं। ऐसे में उनके द्वारा कुछ दिन बाद रुपए देने के भरोसे पर सामान दे रहे हैं। शादी व बड़े ऑर्डर के लोग चेक देकर सामान ले जा रहे हैं।
कहीं एटीएम बंद तो कहीं कतार
सोमवार को रेलवे स्टेशन और रामेश्वर रोड पर एसबीआई एटीएम के बाहर लोगों की कतार नजर आई। दूसरी ओर शहर के अधिकांश क्षेत्रों में कैश खत्म होने और तकनीकी खराबी के कारण एटीएम बंद रहे। गौरतलब है कि एटीएम मशीन में केवल 100 रुपए के नोट डाले जा रहे हैं। एक मशीन में 2 लाख रुपए के ही 100 के नोट आ सकते हैं।
बिल काउंटर खुले
सोमवार को विद्युत तितरण कंपनी के आनंदनगर और कहारवाड़ी स्थित काउंटरों पर रोजाना की तरह भीड़ रही। यहां सुबह से शाम तक करीब 15 लाख रुपए की राशि उपभोक्ताओं ने बिजली बिल के रूप में जमा कराई। इस सुविधा का लाभ आने वाले 10 दिनों तक और मिलने से उपभोक्ताओं ने राहत महसूस की है।
पेट्रोल पंपों पर विवाद
पेट्रोल पंप एसोसिएशन के सचिव नीरज भंडारी ने बताया कि हम जनता की सेवा के लिए तत्पर हैं लेकिन खुल्ले नहीं होने की समस्या को भी आमजन को समझना होगा। इधर रेलवे स्टेशन के टिकट बुकिंग काउंटर पर भी लोग बड़े नोट देकर खुल्ले कराने की जुगत भिड़ा रहे हैं।
असमंजस में अधिकारी
सोमवार को अवकाश होने के कारण नगर निगम में टैक्स जमा करने वालों के लिए काउंटर नहीं खुले। मंगलवार से यहां करदाताओं को पुराने नोट जमा करने की सुविधा दी जानी है या नहीं इसे लेकर निगम अफसरों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रभारी राजस्व अधिकारी रामचरण खरे ने बताया कि उच्च अधिकारियों से अब तक इस तरह के निर्देश नहीं मिले हैं।