पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आखिर बढ़ ही गई खुदरा महंगाई दर
जून महीने में खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी के पार चली गई है। वहीं औद्योगिक उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी हो गई। मई महीने में खुदरा महंगाई बढ़कर 4.87 फीसदी थी, जो पिछले चार महीनों में सबसे अधिक थी।अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.58 फीसदी थी।
लगातार बढ़ रही है महंगाई दर
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और फिर गिरावट के बाद भी महंगाई दर में उछाल देखने को मिला। हालांकि इनकी कीमतों में केवल चार दिन गिरावट रही। 26 जून से पेट्रोल-डीजल के दाम गिरना शुरू हुए थे, उससे पहले इनमें लगातार तेजी का दौर बना हुआ था।
मई में भी ज्यादा थे फल-सब्जियों के दाम
मई महीने में सब्जियों से जुड़ी महंगाई दर 7.29 फीसदी से बढ़कर 8.4 फीसदी हो गई थी। वहीं दालों की महंगाई दर 2.56 फीसदी से बढ़कर 2.78 फीसदी रही थी। केंद्र सरकार की तरफ से आंकड़ों के मुताबिक मई में औद्योगिक उत्पादन दर गिरकर 3.2 फीसदी रह गया। यह अप्रैल में 4.9 फीसदी था।
आरबीआई ने जताई थी महंगाई की आशंका
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जून के पहले हफ्ते में हुई मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया था। बढ़ती महंगाई और अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौतियों की वजह से आरबीआई ने यह फैसला लिया था।
आरबीआई ने महंगाई के 4.8 से 4.9 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई को खुदरा महंगाई दर को चार फीसदी के आसपास रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है, लेकिन पिछले चार महीनों के दौरान महंगाई दर इस लक्ष्य से अधिक रही है। खुदरा महंगाई दर के ताजा आंकड़े आने से पहले ब्लूमबर्ग के इकोनॉमिस्ट पोल में इसके 4.9 फीसदी के करीब रहने का अनुमान लगाया गया था।