पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की वकालत करते हुए कहा है कि इस कदम से पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एकरूपता आ जाएगी. पंजाब उन राज्यों में से एक है जहां पेट्रोल पर वैट की दरें सर्वाधिक है और वह इस मामले में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है.
पंजाब में पेट्रोल की कीमत 86 रुपये प्रति लीटर से अधिक है और चंडीगढ़ के मुकाबले करीब सात रुपये लीटर अधिक है. राज्य पेट्रोल पर 36 प्रतिशत वैट (मूल्य वर्द्धि कर) तथा अधिभार लगाता है. बादल ने कहा, ‘‘पेट्रोलियम क्षेत्र एक बड़ा क्षेत्र है और यह अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर है’’ बादल का दावा है कि ‘‘कांग्रेस यह कहती रही है, पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की जरूरत है ताकि पेट्रोल और डीजल पूरे देश में एक दर पर मिलें.
देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें प्रतिदिन नया रिकॉर्ड बना रही हैं. आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमतें यदि 90 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंचने जा रही हैं तो वहीं राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 80 रुपये प्रति लीटर के स्तर को तोड़ चुकी हैं. ऐसे में देश का एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां आज भी पेट्रोल-डीजल की कीमत देश के अन्य हिस्सों से आधी दरों पर है. जी, हां, भारत के इस हिस्से में पेट्रोल और डीजल की कीमत उन पड़ोसी देशों के बराबर है और यहां के लोगों पर महंगाई की मार नहीं पड़ रही है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आधे से अधिक हिस्सा केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जा रहे टैक्स का है. यह कारण है कि मुंबई में पेट्रोल 90 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंचने वाला है और दिल्ली में 80 रुपये के स्तर पर बिक रहा है.
जानें पेट्रोल-डीजल की कीमत का गणित
दरअसल पेट्रोल और डीजल की वास्तविक कीमत वह है जिसपर देश की तेल कंपनियां पंट्रोल पंप विक्रेताओं को तेल उपलब्ध कराती हैं. शुक्रवार की बात करें तो देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन पेट्रोल पंपों को 39.21 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल बेचती है. इस कीमत में वैट और एक्साइज ड्यूटी शामिल नहीं है और इसी बिक्री पर आम आदमी पेट्रोल पंप पर एक लीटर पेट्रोल के लिए जहां दिल्ली में 80 रुपये दे रहा है तो मुंबई में उपभोक्ता लगभग 90 रुपये अदा कर रहा है.
वैट और एक्साइज
पेट्रोल की वास्तविक कीमत पर 19.48 रुपये एक्साइज ड्यूटी के तौर पर जोड़ा जाता है. वहीं डीजल पर 15.33 रुपये का एक्साइज ड्यूटी जोड़ा जाता है. यह ड्यूटी केन्द्र सरकार की टैक्स से कमाई का हिस्सा बनता है. इसके अलावा प्रत्येक राज्य में अलग-अलग दर पर वैट वसूला जाता है. महाराष्ट्र के मुंबई में जहां पेट्रोल की वास्तविक कीमत का 39.12 फीसदी वैट वसूला जाता है वहीं राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत पर 27 फीसदी का वैट लगाया जाता है.
हालांकि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें इस संभावना को नकार चुकी हैं कि वह जल्द पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाएंगे. लेकिन खास बात है कि मौजूदा स्थिति में यदि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में देखा जाए तो एक झटके में मुंबई में 87.77 रुपये प्रति लीटर बिक रहा पेट्रोल लगभग 12 से 15 फीसदी सस्ता हो जाएगा.
वहीं दिल्ली में पेट्रोल की कीमत को जीएसटी के 28 और 18 फीसदी के टैक्स दायरे जो देखें तो लगभग 9 फीसदी कम किया जा सकता है. राज्यों द्वारा वैट में कटौती से कम हुए पेट्रोल की कीमत को और सस्ता करने के लिए केन्द्र सरकार भी अपने एक्साइज टैक्स में भी मामुली कटौती की जा सकती है.
वहीं डीजल की कीमत को जीएसटी में दिए गए दूसरे और तीसरे टैक्स दर पर देखा जाए तो डीजल की कीमतों में भी 8 से 10 फीसदी की कटौती करते हुए कीमतों को 50 रुपये के दायरे में रखी जा सकती हैं.