पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगी हुई है। सितंबर 2013 के बाद इनका प्राइस अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि आम जनता को इससे राहत मिलने की उम्मीद काफी कम है। जीएसटी के दायरे में नहीं आने से देश भर में लोगों को इनके लिए तब तक ज्यादा कीमत देनी पड़ेगी। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल फिलहाल 80 डॉलर के पार है और इसके अगले कुछ महीनों में 100 डॉलर के पार जाने की आशंका है। पेट्रोलियम उत्पादों पर ज्यादा टैक्स की मार से भारत में पेट्रोल के दामों में सबसे ज्यादा आग लगी हुई है।
देश के पांच शहरों में रविवार को यह रही कीमत
देश के पांच शहरों में रविवार को पेट्रोल के दाम 80 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा रहे। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 84.07 रुपये प्रति लीटर रही, तो भोपाल में 81.83 रुपये पर पहुंची। गोवा की राजधानी पणजी में पेट्रोल के दाम सबसे कम 70.26 रुपये प्रति लीटर रहे। डीजल की सबसे ज्यादा कीमत हैदराबाद में 73.45 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई।
80 रुपये को पार करने वाले शहर पटना में पेट्रोल की कीमत 81.73 रुपये, हैदराबाद में 80.76 रुपये और श्रीनगर में 80.35 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई। वहीं, त्रिवेंद्रम में डीजल की कीमत 73.34 रुपये, रायपुर में 72.96 रुपये, गांधीनगर में 72.63 रुपये, भुवनेश्वर में 72.43 रुपये, पटना में 72.24 रुपये, जयपुर में 71.97 रुपये, रांची में 71.35 रुपये, भोपाल में 71.12 रुपये और श्रीनगर में 70.96 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई। डीजल की सबसे कम कीमत पोर्ट ब्लेयर में रही। यहां इसका दाम 63.35 रुपये प्रति लीटर रहा।
फिलहाल उत्पाद शुल्क नहीं घटाएगी सरकार
केंद्र सरकार उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले पेट्रो-डीजल की कीमतों के बोझ को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में अभी कोई कटौती नहीं कर रही है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बाद बन रहे हालात पर नजर रख रही है।
कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई है, जो अब तक का सबसे ज्यादा दाम है। केंद्र सरकार ने नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के बीच नौ बार वृद्धि कर पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.77 रुपये, जबकि डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर कर दिया। हालांकि अक्टूबर, 2017 में इसमें 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती भी की गई थी।
चार महानगरों में पेट्रोल-डीजल की रविवार को कीमतें
शहर पेट्रोल डीजल
दिल्ली 76.24 67.57
मुंबई 84.07 71.94
कोलकाता 78.91 70.12
चेन्नई 79.13 71.32
(नोट : कीमत रुपये प्रति लीटर में है।)
मनमोहन शासनकाल के बाद रिकॉर्ड स्तर पर कीमतें
पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने उछाल के मामले में मनमोहन शासनकाल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। रविवार को 33 पैसे की वृद्धि के साथ दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 76.24 रुपये प्रति लीटर रही। इससे पहले संप्रग-2 के शासनकाल में 14 सितंबर, 2013 को पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई थी।
कंपनियों को हुआ 500 करोड़ का नुकसान
बताया जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के समय कीमतें स्थिर रखने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने से तेल कंपनियों को 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियां घाटे की भरपाई के लिए अगले कुछ दिन में पेट्रोल की कीमतों में 4 से 8 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि कर सकती हैं। पिछले सात दिन में पेट्रोल की कीमत में 1.16 रुपये, जबकि डीजल के दाम में 1.64 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।
डीलर का प्राइस (वैट, एक्साइज छोड़कर) 35.15
सीजीएसटी 14.92
डीलर का कमीशन 3.6
एसजीएसटी 4.92
रिटेल बिक्री मूल्य 48.59
कितना होगा बदलाव 34.29%
इसलिए बढ़ गई कीमतें
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि OPEC (पेट्रोलियम नियार्तक देशों के संगठन) देशों में तेल के कम उत्पादन की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम बढ़ गए हैं। क्रूड के प्राइस में हाल की तेजी के पीछे डिमांड में वृद्धि होना, सऊदी अरब की अगुवाई में तेल उत्पादक देशों का उत्पादन में कमी करना, वेनेजुएला में उत्पादन में गिरावट और अमेरिका का ईरान पर प्रतिबंध लगाने का फैसला जैसे कारण हैं।
दबाव में सरकार
इससे उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार पर ड्यूटी में कमी करने का दबाव बढ़ा है। पेट्रोलिय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि देश के लोगों को और मुख्यतः मध्यम वर्ग के लोगों पर पेट्रोल, डीजल की कीमतों का बुरा असर पड़ा है। भारत सरकार इसका हल निकालने के लिए जल्द ही कोई कदम उठाएगी।’ हालांकि उन्होंने साफ नहीं किया कि इस दिशा में सरकार क्या कदम उठाने जा रही है।