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पेपर लीक मामला : गुजरात काडर के आईएएस अधिकारी घेरे में

नई दिल्ली (एजेंसी) : स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) की ग्रैजुएशन लेवल परीक्षा और सीबीएसई बोर्ड के अर्थशास्त्र और गणित विषय की परीक्षा में पेपर लीक के मामले सामने आए। दोनों मामलों से जुड़ी एक चीज कॉमन पाई गई है कि दोनों ही संस्थाओं के मुखिया गुजरात काडर के अधिकारी हैं।
वहीं दूसरी तरफ कई जगहों से एसएससी के पेपर लीक की खबरें आने और छात्रों के लगातार विरोध प्रदर्शनों के बावजूद अभी तक एसएससी की परीक्षा कैंसल नहीं की गई है जबकि दिल्ली पुलिस ने मामले में चार ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने 150 लोगों को हायर करके एसएससी के सिस्टम को हैक करने की कोशिश की थी। बता दें कि इस तरह की प्रशासनिक चूक से संस्थाओं की तो बदनामी हो ही रही है, काडर विशेष के साथ अधिकारियों की क्षमता और प्रतिष्ठा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
एसएससी चेयरमैन असीम खुराना जहां 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, वहीं सीबीएसई की मुखिया अनीता करवाल 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। इस तरह के मामलों से गुजरात काडर के अधिकारियों की साख पर तो सवाल उठ ही रहा है, उनके काम करने के तौर तरीकों और उनकी क्षमता पर भी उंगलियां उठ रही हैं। सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के एक हफ्ते पहले अनीता करवाल अपनी किताब लॉन्च करने में व्यस्त थीं। बता दें कि 31 अगस्त 2017 को सीबीएसई चीफ बनने से पहले वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में कार्यरत थीं।
गौरतलब है कि सीबीएसई का पेपर लीक होने के बाद पेपर स्थगित कर दिया गया और अब लगभग 28 लाख स्टूडेंट फिर से परीक्षा देंगे। पेपर कैंसल किए जाने से निराश स्टूडेंट सानिका पंडित कहती हैं, पेपर कैंसल होने से उन्हें भी सजा मिल रही है, जिनकी कोई गलती नहीं है। अगर बोर्ड को पहले से पता था तो उन्हें पहले ही इस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी।

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