पेरिस से 50 किलोमीटर दूर पुलिस ने 50 छात्रों को बनाया बंधक
शनिवार को वीकेंड होने के चलते एक बार फिर से प्रदर्शन होने की आंशका है। इसी वजह से 89 हजार सैनिकों को तैनात किया गया है। आपातकाल के 75 हजार जवान मोर्चे पर हैं। केवल पेरिस में ही 8 हजार जवानों की तैनाती की गई है। सरकार का कहना है कि 10 हजार से ज्यादा येलो वेस्ट प्रदर्शनकारी हैं। पिछले दिनों तीन लाख से ज्यादा येलो वेस्ट (पीली जैकेट पहनकर) लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
कहा जा रहा है कि फ्रांस में गृहयुद्ध जैसे हालात इसलिए बने हैं क्योंकि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यकाल के 16 महीने बाद भी वादे अधूरे हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वह देश में आर्थिक वृद्धि और राजनीतिक बदलाव लेकर आएंगे। समाज के पिछड़े और निचले तबके के लोगों को विकास में सहभागी बनाया जाएगा। वहीं युवाओं को रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।
फ्रांस के लोगों ने मैक्रों पर भरोसा किया था। इसी वजह से वह राष्ट्रपति बने लेकिन 16 महीने बाद भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। उल्टा उन्होंने टैक्स बढ़ाकर लोगों को नाराज कर दिया। पेट्रोल उत्पाद मंहगे होने से मंहगाई बढ़ गई। जिसकी वजह से गुस्साए लोग सड़क पर निकल रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार का झुकाव कुलीन वर्ग की तरफ है।