पेड़ पर लाल दुपट्टा बांधकर आने की सूचना दी थी आतंकियों ने
नयी दिल्ली। पाकिस्तान से आये लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने फिल्मी अंदाज में अपनी आमद की जानकारी देने के लिए एक पेड़ पर लाल दुपट्टा बांधा था और एक हरे दुपटटे का इंतजार किया जो भारत में उनके साथियों के उन्हें लेने के लिए पहुंचने का संकेत था। लश्कर के कथित सदस्य शौकत अहमद भट से पूछताछ के दौरान नये कूट संकेत का पता चला। भट ने पूछताछ के दौरान आतंकवादी संगठन में अपनी संलिप्तता के बारे में और लश्कर-ए-तैयबा के दक्षिण कश्मीर के कमांडर अबू कासिम के साथ जुड़े होने के बारे में बताया।
36 वर्षीय भट का पॉलीग्राफ परीक्षण किया गया। उसने जांच अधिकारियों को बताया कि जीपीएस पर दिखाई देने वाले बाबा रिषी जंगलों में एक पेड़ पर लाल दुपटटा बांधना मेहमान आतंकवादियों के आने की सूचना देने का कोड था। भट को पांच अगस्त को बीएसएफ के काफिले पर हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिसमें बल के दो जवान मारे गये थे। हमले में शामिल एक आतंकवादी मोहम्मद नोमान उर्फ मोमिन को मार दिया गया, वहीं मोहम्मद नावेद याकूब को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। खबरों के अनुसार भट ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसे उसी पेड़ पर हरा दुपटटा बांधना था जो आतंकवादियों को इस बात का संकेत था कि उन्हें ले जाने वाला दल आ गया है। सूत्रों ने कहा कि नावेद, मोमिन, अबू ओकासा और क्षारघाम उर्फ मोहम्मद भाई को लेने आने में भट को देरी हो गयी और चारों आतंकवादी दो दिन तक बाबा रिषी के जंगलों में घूमते रहे, उसके बाद उन्हें भट के आने का संकेत मिला।