पैरंट्स बच्चों को पैकेज्ड फ्रूट जूस से रखें दूर, ब्रेन के लिए खतरनाक
जीवनशैली : बाजार में बिकने वाले पैकेज्ड फ्रूट जूस में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है और साथ ही साथ इसमें पोषक तत्वों की भी कमी होती है। इसलिए पैरंट्स को अपने बच्चों को फ्रूट जूस नहीं देना चाहिए। कंज्यूमर रिपोर्ट्स की एक स्टडी के अनुसार अमेरिका में बिकने वाले 45 मशहूर ब्रैंड्स के फ्रूट जूस प्रॉडक्ट की जांच की गई जिसमें पाया गया कि इन सभी प्रॉडक्ट्स में कैडमियम, इनऑर्गेनिक आर्सेनिक और मरकरी या लेड पाया गया। स्टडी में जिन ब्रैंड्स के जूस को शामिल किया गया था उनमें तकरीबन आधे से ज्यादा ब्रैंड के जूस में मेटल का स्तर काफी ज्यादा पाया गया तो वहीं 7 प्रॉडक्ट्स में भारी मेटल पाए गए जिसकी अगर थोड़ी-सी भी मात्रा या पूरे दिन में आधा कप भी बच्चा पी ले तो उसके लिए यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इस स्टडी में यह भी बताया गया कि आप बच्चे हों या जवान ऐसे रेडिमेड जूस को लेना बंद कर दें क्योंकि ये सभी के लिए रिस्की है। अगर सच कहा जाए तो इन फूड और ड्रिंक्स से हेवी मेटल को पूरी तरह से निकालना नामुमकिन है। जहरीले पदार्थ फूड आइटम तक पानी, हवा या मिट्टी के रास्ते से पहुंचते हैं।
इसके अलावा जाने-अनजाने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स या प्रॉडक्ट पैकेजिंग के समय भी इनमें टॉक्सिन्स आ जाते हैं। कुछ जूस तो ऐसे हैं जिसमें केवल एक मेटल चिंता का विषय नहीं है लेकिन संयुक्त रूप से और भी मेटल हैं जो बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने के लिए काफी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार ये मेटल बच्चे के डिवेलपिंग ब्रेन और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऑर्गेनिक जूस या मार्केट में खास तौर पर बच्चों के लिए मिलने वाले जूस भी जरूरी नहीं कि बच्चों के लिए सही हों। अंगूर के जूस में औसतन हेवी मेटल का स्तर सबसे ज्यादा पाया गया। कोई भी जूस चाहे वो किसी भी ब्रैंड का क्यों न हों वो एक दूसरे की तुलना में कम खतरनाक नहीं हैं सारे एक जैसे ही नुकसानदेह हैं। इनको पूरे दिन में केवल आधा कप पीना भी बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।