पैर के अंगूठे में पेन फंसाकर लिखता है ये मासूम, जज्बा देख हो जाएंगे हैरान
बचपन में पोलियो हुआ था। पोलियो के प्रभाव से दोनों हाथ व पैर कमजोर हो गए थे। लेकिन दिव्यांगता से हार मानने के बजाए इस मासूम ने संघर्ष का रास्ता चुना एवं पैरों से लिखना सीखा। उसके जब्बे को देखते हुए 14 साल के मासूम को क्लास वन में एडमिशन दिया गया। वह बाकी बच्चों के साथ हर रोज स्कूल जाता है। स्कू पैरों से लिखकर पढ़ाई करता है। अभी वह क्लास दूसरी में है।
मन में पढ़ाई का जज्बा लिए दिव्यांग चंद्रभान अपनी पीठ पर बैग लटकाए पढ़ाई करने के लिए लड़खड़ाते हुए घर से स्कूल तक पैदल पहुंचता है। शिक्षा के प्रति इस बच्चे की ललक को देखते हुए उसे क्लास में एडमिशन दिया गया। हालांकि 15 साल के बच्चे को पहली क्लास में एडमिशन दिया जाना शिक्षा का अधिकार नियम का उल्लंघन है।
हाथ पैर से कमजोर चंद्रभान अब पैर के अंगूठे में पेन फंसा कर लिखने लगा एवं उसकी राइटिंग भी सुंदर है। बच्चे की मानसिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन शिक्षा के प्रति इसके जुनून को देखते हुए स्कूल के अन्य बच्चों के साथ-साथ टीचर भी पूरा सहयोग करते हैं। वह ठीक से बोल तक नहीं पाता है। बता दें कि मासूम पोलिया से पीड़ित है। इलाज के लिए जंगली जड़ी-बूटियों का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन मासूम पर इन दवाईयों का कोई असर नहीं हो रहा है।
स्कूल की हेड मास्टर शायरा परवीन एवं शिक्षिका रुखसाना अंसारी की माने तो चंद्रभान शारीरिक व मानसिक रूप से काफी कमजोर है। बावजूद उसमें पढ़ने का जुनून और जज्बा है। उसे दिव्यांग विद्यालय में शिक्षा उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर दी जाए तो उसका भविष्य सुधर सकता है।