पैसो की कमी के कारण युवक ने घर पर ही काट दिया अपनी माँ का पैर, जरुर पढ़ें पूरी खबर
कहते है कि जब इंसान के पास पैसा नहीं होता और वो पूरी तरह से बेबस और लाचार हो जाता है, तब जमाना भी उसका साथ छोड़ देता है. बरहलाल आज जिस खबर के बारे में हम आपको बताने जा रहे है, वो भी कुछ इसी मुद्दे से संबंधित है. जी हां इस खबर के बारे में जान कर यक़ीनन आप हैरान रह जायेंगे. गौरतलब है कि यह खबर पंचमहाल जिले के राजगढ़ गांव की है. जहाँ एक युवक के पास अपनी माँ का ऑपरेशन करवाने के लिए पैसे नहीं थे. ऐसे में उसने घर पर ही अपनी माँ का ऑपरेशन कर दिया या यूँ कहे कि घर पर ही अपनी माँ का पैर काट दिया. जी हां दरअसल युवक की माँ के पैर में गेंगरीन हो चुका था.
ऐसे में उसकी माँ का पैर काटना काफी जरुरी हो गया था. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि वह युवक घोघंबा तहसील के राज्य परिवहन निगम में एक ड्राइवर का काम करता है और उसका नाम गुलाब चौहान है. दरअसल गुलाब चौहान की माँ को शुगर की बीमारी है. इसके साथ ही उसकी माँ के पैर में गेंगरीन हो गया था. जिसके कारण उसकी माँ के पैर का घाव ठीक नहीं हो रहा था. ऐसे में गुलाब चौहान अपनी माँ के पैर को लेकर अक्सर डॉक्टर से सलाह लिया करता था. ऐसे में डॉक्टर उसे पैर कटवाने की सलाह देते थे. हालांकि इससे पहले गुलाब चौहान अपनी माँ के पैर के इलाज के लिए काफी पैसे खर्च कर चुका था.
मगर अब उसके पास बिलकुल भी पैसे नहीं बचे थे. जिसके तहत उसने ये फैसला किया कि अब वो अपनी माँ का पैर खुद ही काटेगा. यहाँ तक कि उसने अपनी मदद के लिए दोनों बहनो को भी बुला लिया था. जी हां बता दे कि उसने इस तरह के ऑपरेशन के लिए जरुरी सामान भी मंगवा लिया था. जिसके बाद युवक ने सबसे पहले अपनी वृद्ध माँ को खाट पर बिठाया और फिर अपनी बहनो की मदद से उसके पैर काट दिए. आपको जान कर ताज्जुब होगा कि युवक ने इसका वीडियो भी बनाया है. हालांकि इतना सब होने के बाद भी युवक की माँ एकदम ठीक है और अब उनकी तबियत में काफी सुधार भी आ रहा है.
जी हां पैसो की कमी होने के कारण युवक ने खुद ही अपनी माँ के पैर का ऑपरेशन करना सही समझा और ये ऑपरेशन पूरी तरह से सफल भी हो गया. बस फर्क केवल इतना है कि वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने हाल ही में प्रायोगिक रूप से राजधानी गांधीनगर में वरिष्ठ नागरिको को केवल हजार रूपये में घर बैठे ही कई तरह के परीक्षणों के साथ चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध करवाने की घोषणा की है. यानि युवक ने सरकार की इस घोषणा का भरपूर और सही लाभ उठाया. वैसे आपको बता दे कि गांव के आदिवासी लोगो की हालत तो इतनी खराब है कि वो समय पर इलाज भी नहीं करवा सकते. यही वजह है गुलाब चौहान नामक युवक ने घर पर ही अपनी माँ के पैर को काट दिया, क्यूकि उसके पास माँ के इलाज के लिए पैसे नहीं थे. बरहलाल हम तो यही दुआ करते है कि जो लोग आर्थिक स्थिति से जूझ रहे है, उन पर हमेशा भगवान् की कृपा बनी रहे.