पोप फ्रांसिस ने धोए शरणार्थियों के पैर, कहा- हम सब हैं भाई #goodfriday

एजेन्सी/ रोम। पोप फ्रांसिस ने गुड फ्राइडे से पूर्व इटली के एक शरणार्थी शिविर में शरणार्थियों के पैर धोकर चूमे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी एक ईश्वर की संतान हैं।
पोप फ्रांसिस गुरुवार को इस शरणार्थी शिविर में आए। उन्होंने कहा कि वे ईसा मसीह का अनुसरण करते हुए लोगों को समानता के स्तर पर व्यवहार का संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने ब्रसेल्स हमले के बाद पश्चिमी देशों में मुसलमानों व शरणार्थियों के खिलाफ बने माहौल को लेकर यह टिप्पणी की।
उन्होंने जब अपने हाथों से लोगों के पैर धोए तो वे अभिभूत हो गए और कुछ तो रोने भी लगे। इनमें विभिन्न धर्मों के लोग शामिल थे। लोगों ने पोप का स्वागत किया और उनके साथ सेेल्फी भी ली।
पोप ने जिन लोगों के पैर धोए, उनमें महिलाएं भी शामिल थीं। उन्होंने चार महिलाओं व आठ पुरुषों के पैर धोए। उल्लेखनीय है कि वेटिकन में महिलाओं के पैर धोने का नियम नहीं था, लेकिन पोप ने जनवरी में यह नियम बदल दिया था। पोप ने जिन आठ पुरुषों के पैर धोए, उनमें भारत का एक हिंदू भी शामिल था।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ने सूली पर चढऩे से पहले 12 कैथोलिक पुरुषों के पैर धोए थे। उनका अनुसरण करते हुए पोप इस परंपरा का पालन करते हैं।
उन्होंने ब्रसेल्स हमले की निंदा की और कहा, कुछ लोग ऐसे कामों से हमारा आपसी भाईचारा खत्म करना चाहते हैं। यह अनुचित है। भले ही हम विभिन्न धर्म व संस्कृतियों से जुड़े हैं लेकिन हम सब भाई हैं तथा शांति से रहना चाहते हैं। 2013 में भी पोप ने महिलाओं व मुस्लिमों के पैर धोए थे।