प्रयागराज : पतित पावनी गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम पर चल रहे कुंभ मेले में आज पौष पूर्णिमा का दूसरा ‘स्नान’ पर्व है। पूरे देश से श्रद्धालुओं के जत्थे प्रयागराज पहुंच रहे हैं। प्रयाग कुंभ मेले में आने वाले कल्पवासी पौष पूर्णिमा से संगम की रेती पर कल्पवास शुरू कर देते है। हिंदुओं में पौष पूर्णिमा के स्नान का विशिष्ट महत्व है। पौष पूर्णिमा के बारे में शंकराचार्य अधोक्षानंद ने बताया, पौष पूर्णिमा हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन देश के विभिन्न भागों से आने वाले श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगाने के लिए एकत्र होते हैं। उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने रविवार को यहां बताया कि पुलिस का मुख्य उद्देश्य कुंभ मेले को सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराना है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिस के साथ—साथ केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल भी प्रयागराज रेलवे स्टेशन, सिविल लाइंस बस अड्डे तथा भीड़ वाले अन्य स्थानों पर पैनी नजर रख रहे हैं। आनंद कुमार ने बताया कि सोमवार को होने वाले स्नान में लाखों लोगों के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है। इसके लिए सुरक्षा के प्रबन्धों के तहत बलों की तैनाती के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि कुंभ 2019 सुरक्षा के लिहाज से अब तक का सबसे सफल कुंभ साबित हो। पौष पूर्णिमा के स्नान के बाद कुंभ में चार और प्रमुख स्नान पर्व आयोजित होंगे। इनमें मौनी अमावस्या (4 फरवरी), वसंत पंचमी (10 फरवरी), माघी पूर्णिमा (19 फरवरी) और महाशिवरात्रि (4 मार्च) शामिल हैं।
संगम के तट पर 3,200 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तंबुओं का शहर बसाया गया है। प्रयाग कुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि कुंभ मेले के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि पूरे मेले क्षेत्र को नौ जोन और 20 सेक्टर में बांटा गया है। इसके साथ ही 20 हजार पुलिसकर्मियों, छह हजार होमगार्ड्स, केंद्रीय बल की 80 कंपनियां और पीएसी की 20 कंपनियां तैनात की गयी है तथा 40 पुलिस थाने, 58 चौकियां और 40 दमकल केंद्र बनाए गए हैं। सिंह ने बताया कि आतंक निरोधी दस्ते के कमांडों, बम निष्क्रिय करने वाली इकाई, श्वान दस्ते और खुफिया इकाई को तैनात किया गया है।