प्रजापति केस की जाँच क्राइम ब्रांच को
लखनऊ: एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा उन्हें और उनके पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फर्जी मुकदमों में फंसाए जाने के लिए किये गए आपराधिक कृत्यों के सम्बन्ध में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति तथा अन्य के खिलाफ थाना गोमतीनगर में दर्ज कराये गए मुकदमे की विवेचना अब अपराध शाखा, लखनऊ द्वारा की जायेगी. एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी ने नूतन के प्रार्थनापत्र के आधार पर यह आदेश करते हुए एसपी सिटी क्राइम, लखनऊ को पने निकट पर्यवेक्षण में मुकदमे की विवेचना कराये जाने के निर्देश दिए हैं. नूतन ने आरोप लगाया है कि श्री प्रजापति के इशारों पर महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा जरीना उस्मानी ने उन्हें फंसाने के लिए गाजियाबाद की एक महिला को हथियार बनाया था और उसके माध्यम से बलात्कार का झूठा आरोप लगाया था. नूतन की शिकायत पर 20 जून 2015 को श्री प्रजापति, जरीना उस्मानी एवं अन्य के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज हुआ था पर पुलिस ने आनन-फानन में 13 जुलाई 2015 को इसे अंतिम रिपोर्ट द्वारा समाप्त कर दिया था. सीजेएम लखनऊ ने दिसंबर 2015 में अंतिम रिपोर्ट ख़ारिज करते हुए अग्रिम विवेचना के आदेश दिए थे. 11 जुलाई 2015 को अमिताभ के खिलाफ बलात्कार का मुक़दमा दर्ज किया गया था, जिसे हाल में विवेचक सीओ गोमतीनगर ने झूठा पाते हुए मुक़दमा दर्ज कराने वाली गाजियाबाद की महिला के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की है.