प्रतिबंधों से बचना है तो हमसे एफ-16 एयरक्राफ्ट खरीद लो : अमेरिका
नई दिल्ली : रूस के साथ हुई एस-400 मिसाइलों की डील के बाद अमेरिका ने भारत से कहा है कि वे अगर से उनसे एफ-16 फाइटर खरीद लें तो उन पर काट्सा (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) के तहत कार्रवाई नहीं की जाएगी। पाकिस्तान के पास पहले से ही यह एयरक्राफ्ट है और भारत इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। भारत ने अभी तक अमेरिका को इस सौदे पर कोई जवाब भी नहीं दिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका चाहता है कि रूस से एस-400 मिसाइलें खरीदी है, तो भारत हमसे भी एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदें और नई दिल्ली ऐसा करता है तो उन पर काट्सा के तहत कार्रवाई नहीं की जाएगी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस ने साउथ ईस्ट एशियन नेशंस डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग प्लस (ADMM Plus) में मुलाकात की थीं। निर्मला सीतारमण दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक द्विपक्षीय मीटिंग के लिए अमेरिका की यात्रा कर सकती हैं, लेकिन मैटिस तब तक ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन का हिस्सा रहेंगा या नहीं, इसके बारे में फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। भारत पर प्रतिबंध नहीं लगाने के लिए मैटिस कांग्रेस में बात रख चुके हैं, लेकिन हाल ही में ट्रंप ने कहा था कि रूस से हथियार खरीदने के बाद भारत के साथ किस तरह से पेश आना है, वे देख लेंगे। फिलहाल अमेरिका ने कोई एक्शन नहीं लिया है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि एक बार रूस को पेमेंट पहुंचने के बाद ट्रंप ऐसा कुछ कर सकते हैं, जिससे नई दिल्ली और वॉशिंगटन के रिश्तों में खटास पैदा हो। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि काट्सा में अगर भारत छूट चाहता है तो उन्हें ट्रंप के साथ डील करने होगी। हालांकि, अमेरिका ने भारत के सामने एफ-16 और एफ-18 दोनों की डील रखी है। पाकिस्तान एफ-16 एयरक्राफ्ट तीन दशकों से इस्तेमाल कर रहा है और भारत को इन एयरक्राफ्ट में कोई भी दिलचस्पी नहीं है। हालांकि, अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान के पास जो एफ-16 एयरक्राफ्ट है, उससे कहीं ज्यादा बेहतर है एफ-16 ब्लॉक 70। वहीं, भारत का तर्क है एफ-16 हमारे ब्रह्मोस के अनुकूल नहीं।