प्रत्याशी एक सीट पर ही लड़ें चुनाव, आयोग ने दी दलील
-तीन सप्ताह बाद इस मामले की सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा एक उम्मीदवार को दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। आयोग ने कहा कि एक उम्मीदवार जब दो जगहों से जीतता है और बाद में एक सीट से इस्तीफा देता है, तो उस सीट पर दोबारा चुनाव कराना पड़ता और राज्य के खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। सन 2004 और सन 2016 में इस बारे में प्रस्ताव दिया गया था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा कि वह इस मामले में अदालत का सहयोग करें। अदालत ने कहा कि वह तीन हफ्ते बाद इस मामले की सुनवाई करेगी।
अदालत ने 13 अक्टूबर को चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कोर्ट में एक याचिका दायर कर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 33(7) को चुनौती दी गई है और मांग की गई है कि संसद और विधानसभा समेत सभी स्तरों पर एक उम्मीदवार के दो सीटों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगे। भाजपा नेता और याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि एक आदमी एक वोट की तरह एक उम्मीदवार एक सीट का फार्मूला हो। लोकतंत्र का यही तकाजा है कि एक प्रत्याशी एक जगह से चुनाव लड़े। दो जगह से चुनाव जीतने के बाद एक सीट खाली करनी होती है। उप-चुनाव की स्थिति में सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है। ऐसे में जनप्रतिनिधित्व कानून के उस प्रावधान को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए, जिसके तहत एक प्रत्याशी को दो सीटों से चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाती है।