उत्तर प्रदेश

प्रदर्शनकारियों को यूपी पुलिस के कांस्टेबल को समझाना पड़ गया भारी

उत्तर प्रदेश पुलिस के एक कांस्टेबल को धरने पर बैठे लोगों को समझाना भारी पड़ गया। धरना दे रहे लोगों ने कांस्टेबल की पीट-पीटकर जान ले ली और अन्य पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। वहीं प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों के शीशे तोड़ दिए। घटना उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की है।

डीएम के बालाजी ने बताया कि आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है। अन्य को चिह्नित किया जा रहा है। गिरफ्तारी के लिए टीम बना दी गई है। सीएम योगी ने मामले को संज्ञान में लिया है। सीएम ने पुलिसकर्मी के परिजनों को 40 लाख रुपए देने की घोषणा की है।

आरक्षण के लिए निषाद पार्टी के लोग सरजू पांडेय पार्क में शनिवार को धरना-प्रदर्शन करने वाले थे, लेकिन प्रशासन ने पीएम मोदी के कार्यक्रम के चलते अनुमति नहीं दी थी। अशांति फैलाने की आशंका पर पुलिस ने निषाद पार्टी के एक नेता को हिरासत में भी लिया था। इससे नाराज पार्टी के लोगों ने कठवामोड़ पुलिया के किनारे धरना-प्रदर्शन करने के साथ जाम लगा दिया था।

करीब दो बजे नगर के आरटीआई मैदान में पीएम का कार्यक्रम खत्म होने के बाद मार्ग पर वाहनों का दबाव बढ़ गया। करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष सुधाकर राय पीएम के कार्यक्रम से पुलिस कर्मियों के साथ लौट रहे थे। कठवामोड़ पुलिया पर जाम में इनका भी वाहन फंस गया। इस पर पुलिस कर्मी वाहन से उतर कर जाम हटाने लगे। इसी बीच धरने पर बैठे लोग वहां पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो उन्होंने पथराव कर दिया। इसमें बस, स्कार्पियो और कार के शीशे टूट गए।

 

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