देहरादून: जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कैंप कार्यालय में अधिकारियों की बैठक लेते हुए राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग को जनपद में स्थित सभी 125 प्रदूषण जांच केंद्रों का भौतिक निरीक्षण करते हुए सत्यापन करने और वाहनों के फिटनेस, चालान, प्रदूषण प्रमाण पत्र इत्यादि का सम्पूर्ण विवरण हर माह प्रेषित करने को कहा है।
इसके अलावा बीएस मानकों का ठीक से अनुपालन करवाने, डीजल इत्यादि के 15 वर्षों से अधिक पुराने व्यवसायिक वाहनों के इस्तेमाल से संबंधित प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से देहरादून और ऋषिकेश में वायु गुणवत्ता की वर्तमान स्थिति, पिछले कुछ माह से वायु में पीएम 2.5 व पीएम 10 के साथ ही अन्य मानकों में होने वाली बढ़ोतरी उसके स्रोत, कारक, पैरामीटर्स आदि से अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु गुणवत्ता के संबंध में मॉनिटिरिंग मैकेनिज्म सुधार के लिए भारतीय पेट्रोलियम संस्थान से सहयोग लेने को कहा। वहीं खनन अधिकारी को खनन मटेरियल को किसी भी दशा में खुला न ले जाने, नगर निगम को कूड़े के निस्तारण वाहन में कूड़ा ढककर ले जाने तथा कहीं पर भी कूड़ा अथवा प्लास्टिक को जलाने को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए। साथ ही नगर निगम और लोक निमार्ण विभाग को सड़क गली इत्यादि में निमार्ण सामग्री यदि ढंप या बिखरा पड़ा होने की स्थिति में उसका चालान को भी कहा।
पेट्रोल पंपों का करें औचक निरीक्षण
डीएम ने जिलापूर्ति अधिकारी को पेट्रोल पंप में तेल की गुणवत्ता और घटतौली जैसी शिकायतों की रोकथाम के लिए हर 15 दिन में औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून राजीव धीमान, अपर जिलाधिकारी वित्त बीर सिंह बुदियाल, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से डॉ. अंकुर कंसल, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अमित पोखरियाल, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविंद पाण्डेय, अधिशासी अभियन्ता लोनिवि जेएस चौहान, वरिष्ठ स्वास्थ्य नगर अधिकारी डॉ. केके सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी राकेश देवली भी मौजूद रहे।
सांस लेने की क्षमता को घटा देता है वायु प्रदूषण
रेसकोर्स स्थित, एसजीआरआर पब्लिक स्कूल में दैनिक जागरण के ‘हवा की धुन सावधान दून’ अभियान के तहत स्कूली छात्रों व शिक्षकों को प्रदूषण के प्रति जागरूक किया गया। छात्रों व शिक्षकों का श्वास का टेस्ट भी करवाया गया। स्कूली छात्रों ने रेसकोर्स में वायु प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता रैली भी निकाली।
स्कूल में आयोजित अभियान में डॉ. अनुषा गुप्ता ने छात्रों को वायु प्रदूषण और इससे होने वाले नुकसानों की जानकारी दी। डॉ. गुप्ता ने कहा कि लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। यह सभी के लिए खतरे का संकेत है। वायु प्रदूषण हमारी सांस लेने की क्षमता तक को घटा देता है। बताया कि वायु प्रदूषण से, वायु में घुले जहरीले कण हमारे खून में घुल जाते हैं। जिसके कारण पहले सिर दर्द, उल्टी, एजर्ली होने लगती है। धीरे-धीरे समस्या बढ़ कर अस्थमा, टीबी कैंसर समेत अन्य बीमारियों का रूप ले लेती है।
उन्होंने छात्रों को प्रदूषण के बचावों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से निजात पाने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर से जुटना होगा। गाडिय़ों का इस्तेमाल कम करने, निर्माण कार्य मानकों पर करने, कूड़ा न जलाने, फैक्ट्री का धुआं सीधा वायु में न छोडऩे से प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके अलावा पौधारोपण करना भी जरूरी है।