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प्रदेश के सवा दो करोड़ जन-धन खातों में 5 दिन में जमा हो गए 1200 करोड़

jan_dhan_account_mp_20161117_8739_17_11_2016भोपाल, हरिचरण यादव। 500 और 1000 के नोट क्या बंद हुए, गरीबों की पौ-बारह हो गई! कम से कम गरीबों के नाम पर खोले गए जन-धन के खातों में अचानक जमा हुए पैसों को देखकर तो यही कहा जा सकता है। नोटबंदी के बाद से 10 नवंबर से 14 नवंबर के बीच महज पांच दिनों में प्रदेश के 2 करोड़ 20 लाख प्रधानमंत्री जन-धन खातों में करीब 1200 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई है। इनमें से 60 लाख खाते तो ऐसे हैं, जिनमें 8 नवंबर से पहले जीरो बैलेंस था, अब इनमें 50 हजार से 1लाख रुपए तक जमा हो गए हैं।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (मप्र) के डीजीएम वीके त्रिपाठी ने भी पुष्टि की है कि निष्क्रिय पड़े लाखों खातों में तेजी से डिपॉजिट हो रहा है। अचानक जमा हुए इन पैसों के पीछे ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि कम आय वर्गों को विभिन्न् वित्तीय सेवाएं, कर्ज, बीमा और पेंशन संबंधी सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जन-धन योजना शुरू की गई थी। इन खातों में अधिकत्म 50 हजार रुपए जमा हो सकते हैं।

ऐसे बढ़ी गरीबों के खातों में राशि

अकेले सेंट्रल बैंक में जन-धन योजना के तहत प्रदेश में 14 लाख 50 हजार खाते हैं। इनमें 190 करोड़ रुपए जमा हैं। इसमें से 52 करोड़ स्र्पए 10 से 14 नवंबर के बीच जमा हुए हैं। इसके अलावा प्रदेश भर में 50 बैंकें काम कर रही हैं, जिनकी 7038 शाखा (सेंट्रल बैंक की शाखा भी शामिल) हैं, जिनमें 2 करोड़ 20 लाख जन-धन योजना के खाते हैं। एसबीआई सहित 10 बड़े बैंकों में नोटबंदी के बाद से इन खातों में औसतन 50 से 70 करोड़ स्र्पए से अधिक की राशि जमा हुई है।

नोटबंदी पर सरकार और रिजर्व बैंक के नए निर्देश

– बैंक व डाकघर 9 नवंबर से 2.5 लाख से ज्यादा और 1 दिन में 50 हजार से ज्यादा जमा की जानकारी दें।

– किसी व्यक्ति के एक या अधिक चालू खाते में यदि 12.50 लाख रुपए से ज्यादा राशि जमा हो तो उसकी भी जानकारी दें।

– नोट बदलवाने के लिए अब पहचान पत्र की फोटोकॉपी की जरूरत नहीं है। फॉर्म भरने के बाद काउंटर पर ओरिजनल पहचान-पत्र दिखाना होगा।

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