प्रदेश में बीस हजार करोड़ की परियेाजनाएं तीन साल में होंगी क्रियाशील: राजीव कुमार
-मुख्य सचिव से मिले इण्डियन ऑयल कार्पोेरेशन के चेयरमैन
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कहा कि इण्डियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा प्रदेश के बहुमुखी विकास के लिए लगभग रूपये 20 हजार करोड़ की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश में शीघ्र स्थापित की जायेंगी जो आगामी तीन वर्षों के बीच क्रियाशील हो जायेेंगी। मुख्य सचिव शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में इण्यिन ऑयल कार्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह से भेंट करने के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने इण्डियन ऑयल कार्पोेरेशन के चेयरमैन द्वारा दिये गये प्रस्तावों के बारे मंें बताया कि मिर्जापुर में ग्राम चकगम्भीरा के निकट 120 एकड़ क्षेत्रफल में मार्डन ऑयल टर्मिनल स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। यह स्थान चुनार रेलवे स्टेशन से लगभग 04 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी परियोजना लागत लगभग रूपये 650 करोड़ है जिससे क्षेत्र का बहुमुखी विकास होने के साथ-साथ रोजगार के अनेक अवसर सुलभ हो सकेंगे।
मुुख्य सचिव ने बताया कि इण्डियन ऑयल कार्पोेरेशन द्वारा मथुरा रिफाइनरी में बीएस-6 प्रोजेक्ट, ऑक्टामैक्स प्रोजेक्ट एवं ग्रिड पॉवर को सुविधाजनक बनाने हेतु अवस्थापना विकास का कार्य कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त कानपुर स्थित टीडब्ल्यू गैन्ट्री की रिमॉडलिंग भी कराये जाने का प्रस्ताव है जिस पर रूपये 32.27 करोड़ का अनुमानित व्यय होगा जो माह नवम्बर, 2017 तक पूर्ण हो जायेगा। कुशीनगर जनपद में नये बॉटलिंग प्लान्ट की स्थापना की जायेगी जिस पर रूपये 60.14 करोड़ का व्यय आकलित है। कानपुर-बरौनी तक ब्रान्च पाइपलाइन निर्मित कराये जाने का प्रस्ताव है जिस पर उत्तर प्रदेश में लगभग रूपये 75 करोड़ का व्यय संभावित है। इसके अतिरिक्त मथुरा-टूण्डला पाइपलाइन का लखनऊ सहित कानपुर तक विस्तारीकरण का कार्य कराया जायेगा जिस पर रूपये 638 करोड़ का व्यय अनुमानित है। काण्डला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन, जिसकी लम्बाई लगभग 2757 किलोमीटर है, के निर्माण पर रूपये 3500 करोड़ का व्यय अनुमानित है। मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में इण्डियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा 2जी इथेनॉल बायो-रिफाइनरी स्थापित कराई जायेगी जिस पर 800 करोड़ रूपये का परिव्यय संभावित है। इसकी दैनिक क्षमता 100 किलोलीटर होगी। इसके अतिरिक्त वाराणसी में ठोस अपशिष्ट से ईंधन बनाये जाने का एकीकृत संयन्त्र स्थापित किया जायेगा जिस पर रूपये 70 करोड़ का व्यय संभावित है। कई वर्षों से बन्द पड़ी गोरखपुर स्थित उर्वरक कारखाने को इण्डियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा पुनः क्रियाशील कराया जा रहा है जिस पर रूपये 06 हजार करोड़ का परिव्यय संभावित है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश में इण्डियन ऑयल कार्पोेरेशन द्वारा किया जा रहा उपर्युक्त वृहत् निवेश प्रदेश के सर्वांगीण विकास हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।