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प्रधानमंत्री की दो दिन की नेपाल यात्रा रविवार से

N_modiनयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल नेपाल की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जिसका उद्देश्य आर्थिक और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के जरिए द्विपक्षीय संबंधों को और ऊंचाइयों पर ले जाना है। मोदी की इस यात्रा के दौरान बिजली जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इस मौके पर भारत इस हिमालयी देश को आर्थिक सहायता की घोषणा भी कर सकता है। कोई भारतीय प्रधानमंत्री 17 साल बाद नेपाल की यात्रा पर जा रहा है। इससे पहले जून 1997 में इंद्र कुमार गुजराल वहां गए थे। मोदी की यह यात्रा भारत के पड़ोसी देशों से संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की उनकी सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली विदेश यात्रा के तौर वह अन्य हिमालयी देश भूटान गए थे। मोदी नेपाल के अपने समकक्ष सुशील कोइराला के साथ वार्ता के अलावा वहां की संविधान सभा को भी संबोधित करेंगे। जर्मनी के तत्कालीन चांसलर हेल्मट कोल के बाद वह किसी देश के ऐसे दूसरे सरकार प्रमुख हैं जिन्हें यह सम्मान मिलेगा। इस दौरान वह नेपाल के व्यापार समुदाय की बैठक को संबोधित करेंगे और विश्व विख्यात पशुपतिनाथ मंदिर की विशेष पूजा में हिस्सा लेंगे। उनके नेपाल के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से भी मिलने की संभावना है। ठाकुर ने बताया कि सही अनुमानों वाले बाढ़ संबंधी आंकड़ों के आदान प्रदान की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सहयोग के लिए भारत तैयार है। भारत नदियों के तटबंधों में सुधार के लिए पहले ही सहायता प्रदान कर रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 2002 में नेपाल गए थे लेकिन उनकी वह यात्रा वहां आयोजित बहुदेशीय दक्षेस शिखर सम्मेलन के तहत थी।

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