प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को दी चेतावनी, यह नया भारत, आतंकवाद बर्दाश्त नहीं
-
यदि राफेल होता तो 27 फरवरी को पाकिस्तान के विमानों को खदेड़कर नष्ट किया जा सकता था और हमारे विमान का नुकसान भी नहीं होता।
अहमदाबाद : आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान और उसके आतंकी आकाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक की सबसे बड़ी चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को बेहद सख्त लहजे में कहा, यह नया भारत है, आतंक के सामने कभी नहीं झुकेगा, चुन-चुनकर बदला लेगा और जरूरत पड़ी तो दुश्मन के घर जाकर भी हिसाब चुकता करेगा। 40 साल से आतंकवाद हिंदुस्तान के सीने में गोलियां दाग रहा है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति में डूबे लोग कदम उठाने से डरते थे।’दो दिनी गुजरात प्रवास पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे सत्ता की, कुर्सी की परवाह नहीं है, मुझे चिंता मेरे देश और देश के लोगों की सुरक्षा की है। मैं अब लंबा इंतजार नहीं कर सकता। चुन-चुनकर हिसाब लेना मेरी फितरत है।’ मोदी ने कहा कि आतंकी चाहे पाताल में जाकर छिप जाएं, लेकिन हम उनको छोड़ेंगे नहीं। हम पाताल से भी निकालकर आतंकियों को मारेंगे। वायु सेना की एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले विपक्षी दलों पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, देश का दुर्भाग्य है कि कुछ नेता जो बयानबाजी करते हैं, उन्हें पाकिस्तानी अखबारों में हेडलाइन बना दिया जाता है। प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि अगर वायु सेना का मिशन फेल होता तो इस्तीफा किसका मांगा जाता? उन्होंने कहा कि जिस प्रोजेक्ट का हम शिलान्यास करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं यानी आज जिस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया जा रहा है, उसके उद्घाटन पर हम ही मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की विशेषता है कि एक काम खत्म होते ही दूसरा काम शुरू हो जाता है। एक काम खत्म होने पर हम सोते नहीं हैं और दूसरे की तैयारी करते हैं। इससे पहले जामनगर में प्रधानमंत्री ने अपने पूर्व में दिए बयान का अर्थ स्पष्ट करते हुए विपक्ष को नसीहत दी कि वह बयान के मायने समझने में थोड़ा दिमाग लगाए। मोदी ने कहा, उन्होंने कहा था कि राफेल होता तो नतीजे कुछ और होते। इसका मतलब था कि यदि 27 फरवरी को पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ने में राफेल लगे होते तो उनका कोई विमान नहीं बचता और न ही हमारा कोई गिरता। ‘मेरा उद्देश्य आतंक को खत्म करना है और विपक्ष का मोदी को खत्म करना है। आतंकवाद की जड़ें पड़ोसी देश में हैं, क्या हमें उसका इलाज नहीं करना चाहिए। भारत को बर्बाद करने की धमकी देने वाले उनके आकाओं के सफाए तक देश चुप नहीं बैठेगा।