अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री शरीफ को संकट पार कर लेने का भरोसा

NawazSharifइस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को संसद में कहा कि वह संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे कुछ हजार प्रदर्शनकारियों के आगे नहीं झुकेंगे और उनकी मांगे पूरी करने के लिए अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनों को लेकर उत्पन्न कई दिन के गतिरोध के बाद आज पहली बार अपनी सार्वजनिक प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि वह लोकतंत्र के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी बताया कि समस्या को किस प्रकार हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम लोग किसी बात से घबराते नहीं, हमने बहुत सारे उतार चढ़ाव देखे हैं। हम समस्याओं के साथ पैदा हुए और हमने उन्हें हंसकर झेला और उनका सामना किया है। लेकिन किसी से इसकी शिकायत नहीं की है शरीफ ने कहा कि मैं पूरे भरोसे के साथ यह कहता हूं कि अगर अल्लाह ने चाहा तो पाकिस्तान में संविधान और कानून का यह सफर आगे भी जारी रहेगा। यह लोकतंत्र हमें आगे ले जाता रहेगा। इससे पाकिस्तान हमेशा चमक ता रहेगा। हमें इस पर गर्व रहेगा और एक दिन ऐसा आयेगा जब लोकतंत्र में कोई बाधा नहीं आएगी। पाकिस्तान की आजादी के बाद बीत वर्ष में लगभग आधे समय यहां सेना का शासन रहा है और मौजूदा समय में यहां जारी राजनीतिक गतिरोध में सेना का रुख यह बता पायेगा की कि सरकार के खिलाफ जारी प्रदर्शन भविष्य में हिंसक रूप लेगा या समय के साथ खत्म हो जायेगा। अगर सेना ने यहां जारी राजनीतिक गतिरोध में मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पहल की तो इसके बाद वह और शकित्शाली ताकत के रूप में उभरेगी। पाकिस्तान के सरकार विरोधी षडयंत्रों के इतिहास को देखते हुये यह स्थिति प्रधानमंत्री के अनुकूल नहीं दिखती। शरीफ खुद भी 1999 में सैन्य षडयंत्र के शिकार हो चुके हैं। उन्हें तब देश निकाला मिल गया था और बड़ी मुश्किलों के बाद वह स्वदेश लौटे और यहां आकर अपनी सरकार बनायी। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये बहुत कम राजनीतिक विश्लेषकों को किसी सैन्य षडयंत्र की बू आ रही है लेकिन अधिकतर का मानना है कि सेना सरकार विरोधी प्रदर्शन को भुनाने की कोशिश करेगी।

Related Articles

Back to top button