पिछले रेल बजट से इस बजट तक रेल स्टेशनों पर सफाई, यात्री सहूलियतों और वादे-दावे की जब जमीनी पड़ताल की गई तो यह मालूम हुआ कि एक साल के भीतर ‘प्रभु कृपा’ से मोदी की रेल छुक-छुक गति से आगे बढ़ी है लेकिन अभी हाई स्पीड रफ्तार बाकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से जुड़े वाराणसी कैंट स्टेशन की तस्वीर एक साल में काफी बदली है। साफ-सफाई में सुधार हुआ है। प्रतीक्षालय से लेकर डोरमेट्री और टॉयलेट तक को आधुनिक बनाया गया है। पूरे कैंट स्टेशन को एलईडी लाइट से रोशन किया गया, वहीं स्टेशन परिसर की सफाई मशीनों से होने लगी है।
यहां एक साल के भीतर कई बदलाव हुए। 36 कमरे का वातानुकूलित प्रतीक्षालय बना, वहीं 12 बेड की डोरमेट्री को भी वातानुकूलित किया गया है।
इसी साल महामना एक्सप्रेस के रूप में बनारस के लोगों को रेलवे की बड़ी सौगात मिली। इसी तरह, मुगलसराय में जहां दो नए प्लेटफार्मों का निर्माण हुआ वहीं यात्री सुविधाओं के लिए सभी प्लेटफार्मों पर शेड और पेयजल की अतिरिक्त व्यवस्था की गई।
उधर, लखनऊ जंक्शन के हाल बेहतर हैं। हर प्लेटफार्म साफ-सुथरा नजर आता है। बुजुर्ग यात्रियों के लिए बैटरीचलित कार्ट, यात्रियों के लिए बैठने के अच्छे इंतजाम, एलईडीसी स्क्रीन पर टाइमटेबल समेत अन्य सुविधाएं हैं।
इलाहाबाद जंक्शन की सफाई पहले के मुकाबले बेहतर हुई है। रुटीन सफाई के अलावा हर मंगलवार को रेलवे सफाई अभियान भी चलाता है। साथ ही माह में एक बार संत निरंकारी फाउंडेशन की ओर से भी सफाई अभियान चलाया जाता है। इसके अलावा गंदगी फैलाने वालों की धरपकड़ शुरू हुई है।
2015 में मंडल के इलाहाबाद, कानपुर, अलीगढ़ आदि स्टेशनों पर अभियान के दौरान 19703 यात्रियों को गंदगी फैलाने के आरोप में पकड़ा गया। यात्रियों से मौके पर ही 50 लाख 71 हजार 760 रुपये जुर्माना भी वसूला गया।
प्रतीक्षालय का काम भी पूरा नहीं हो सका। यहां वेंडरों की दुकानों में सफाई कम है। बायो टायलेट लगने के बाद ट्रैकों की स्थिति में सुधार हुआ है। शिमला स्टेशन में दो महीने से सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है, लेकिन कई काम यहां आजादी के बाद से अधूरे हैं। लंबे समय से प्रस्तावित भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन के लिए भी भूमि अधिग्रहण जरूर हो रहा है, लेकिन चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन भी कागजों में सिमट कर रह गया है। इसका सर्वे भी पूरा नहीं हो पाया है।
हालांकि ट्रायल के बावजूद सेमी हाईस्पीड ट्रेन के दौड़ नहीं पाने का यात्रियों को मलाल है। निजामुद्दीन स्टेशन पर डिस्पोजेबल बेड रोल के लिए आउटलेट खुल गया।
यहां पहले से सफाई व्यवस्था बेहतर हुई है। प्रतीक्षालय और रिटायरिंग रूम की संख्या बढ़ी है। अभी तक यह स्टेशन वाई-फाई से लैस नहीं है। स्टेशन का सेकेंड एंट्री गेट भी ठीक नहीं, वहीं पार्किंग की समस्या से निजात नहीं मिली।