लखनऊ। ऐसे में अब आईएएस के पास कोई विभाग नहीं है। सार्वजनिक उद्यम विभाग का नया प्रमुख सचिव प्रदीप शुक्ला को बनाया गया है, जिनपर एनआरएचएम घोटाले का आरोप भी है।खुद को वेटिंग लिस्ट में डाले जाने के बाद आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने फेसबुक पर अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने शनिवार दोपहर तकरीबन एक बजे एक लंबा पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा, “अखबारों से ज्ञात हुआ कि आज मेरा स्थानांतरण कर ‘प्रतीक्षा’ में रख दिया गया है। किसी विभाग से किसी प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को हटाकर ‘प्रतीक्षा’ में तभी डाला जाना चाहिए, जब उस विभाग में कोई ‘घोटाला’ या कदाचार किया गया हो। उस अधिकारी को निष्पक्ष जांच हेतु हटाना जरूरी हो। मैंने तो ऐसा अपनी समझ से कुछ नहीं किया। अब मुख्य सचिव के समकक्ष वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, यानि मैं, बिना कुर्सी-मेज और अनुमन्य न्यूनतम सुविधाओं के पात्र भी नहीं रहे और सड़क पर पैदल कर दिया गया, चलो…व्यवस्था के अहंकार की जीत हुई। ज्ञात हुआ है कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव की ‘अहंकारी और बलशाली’ इच्छा के सामने सारी व्यवस्था ‘नतमस्तक’ है, ‘हुजुरेवाला’ चाहते हैं कि मुझे तत्काल सड़क पर पैदल किया जाए, निलंबित कर तरह-तरह से अपमानित किया जाए, दोषारोपित किया जाए, कलंकित कर ‘सबक’ सिखाया जाए। जन-उत्पीड़न और कदाचार के खिलाफ कोई आवाज न उठे। व्यवस्था को लगता है कि जब बाकि नौकरशाह ‘जी हुजूरी’ कर सकते है तो हम जैसे लोग क्यों नहीं, हमारी मजाल क्या है?’आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने हाल ही में यूपी सरकार से वीआरएस की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव आलोक रंजन को एक चिट्ठी भी लिखी थी। सात पन्नों वाली लंबी चिट्ठी में उन्होंने यूपी सरकार की खामियां गिनाई थी और कहा था कि यूपी में निष्ठा से काम करना हर किसी के बस की बात नहीं है। लिहाजा वे अब शांति से सेवा निवृत्त होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस सेवा को पाने के लिए सालों तपस्या करनी पड़ती है, उससे वीआरएस लेने का फैसला मेरी जिंदगी का खास दिन है।1982 बैच के आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने चिट्ठी में सरकार और नेताओं पर तीखी टिप्पणियां की थी। उन्होंने लिखा था कि यूपी का आज का राजनीतिक और प्रशासनिक परिवेश सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखायय से अलग निजी हिताय, निजी सुखाय की ओर जाता लग रहा है। यह लोकतंत्र के लिए घातक है। इसके लिए नेता जिम्मेदार हैं।शुक्रवार देर शाम सरकार ने तबादलों की लिस्ट जारी हुई थी। इसमें आईएएस सूर्य प्रताप को सार्वजनिक उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव के पद से हटा दिया गया, लेकिन कोई नई तैनाती न देकर वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया। सरकार के आईएएस सूर्य प्रताप के साथ इस तरह के बर्ताव से आईएएस बिरादरी में चर्चाओं का दौरा जारी है।
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