प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी प्रमोशन पर लगी रोक न हटाए जाने से नाराज जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने सामूहिक कार्य बहिष्कार कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को प्रदेशभर में कर्मचारियों ने विरोध जताया।
जिससे कारण उत्तराखंड राज्य सचिवालय से लेकर राजधानी से लेकर जनपद मुख्यालयों में स्थित सरकारी कार्यालय में शुक्रवार को कामकाज ठप रहा। राज्य सचिवालय व राजधानी स्थित सभी विभागों के कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर परेड मैदान में जुटे। यहां से कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया। यहां कर्मचारियों की पुलिसकर्मियों के साथ नोकझोक भी हुई।
आंदोलन का नेतृत्व कर रही उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर कई कर्मचारी संघों और परिसंघों ने अपने स्तर पर कर्मचारियों से कार्य बहिष्कार कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया। वहीं कर्मचारियों ने सरकार को चेताया कि अगर सरकार मांग नहीं मानेगी तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी के अनुसार,‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रदेश सरकार को तत्काल प्रमोशन से रोक हटा देनी चाहिए थी। लेकिन प्रमोशन में आरक्षण के मसले का राजनीतिकरण किया जा रहा है, जिससे प्रदेश का कर्मचारी तबका बेहद नाराज और दुखी है।’
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए एक हफ्ता हो गया है। जैसे-जैसे फैसले के आलोक में प्रमोशन से रोक हटाने का फैसला लेने में देरी हो रही है, जनरल ओबीसी कर्मचारियों का धैर्य जवाब दे रहा है। यही वजह है कि अब उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के अलावा अन्य कर्मचारी संघ भी आंदोलन में कूद गए हैं।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रमोशन पर रोक लगाए रखने का कोई औचित्य नहीं है। परिषद प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करती है।आंदोलन जारी रहेगा।