प्रशांत किशोर के सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी 48 फीसदी लोगों की पसंद, 11 प्रतिशत के साथ राहुल दूसरे नंबर पर
नई दिल्ली : जाने-माने चुनाव रणनीतिकार और 2014 में मोदी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर की संस्था I-PAC ने भी ऑनलाइन सर्वे किया है। इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के सर्वे में मोदी देश के बाकी नेताओं से बहुत आगे हैं। सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वो कौन नेता है जो देश का एजेंडा आगे ले जा सकता है? सर्वे में इस सवाल के नतीजे एक तरफा आए हैं। आंकड़ों की बात करें तो पीएम मोदी 48 प्रतिशत लोगों की पसंद बने हैं, दूसरे नंबर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं जो 11 प्रतिशत लोगों की पसंद है। राहुल से मोदी 400 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़त लिए हुए हैं। मोदी का मुकाबला करने निकले बाकी सिंगल डिजीट में ही नहीं बल्कि 3-4-5 प्रतिशत में हैं। सर्वे के नतीजे राजनीतिक हैं लेकिन इसके बाद बीजेपी को कांग्रेस पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है।
देश का नेता कौन के सवाल में जहां प्रधानमंत्री मोदी सबसे आगे हैं। वहीं महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे नेता इस लिस्ट में काफी पीछे नजर आ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक पीएम मोदी 48 फीसदी, राहुल गांधी 11 फीसदी, केजरीवाल 9.3 फीसदी, अखिलेश यादव 7 फीसदी, ममता बनर्जी 4.2 फीसदी और मायावती 3.1 फीसदी लोगों की पसंद बनीं। बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, अगर जनता को राहुल गांधी पसंद नहीं है तो जनता से आप जबरदस्ती तो नहीं कहेंगे ना कि ये नेता और उनसे भी यही बुलवाना चाहते हैं। बीजेपी लगातार एक बाद एक चुनाव जीत रही है, ये मोदी जी की लोकप्रियता के बारे में हैं। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, बीजेपी को यह बताना पड़ेगा आखिर पीएम मोदी की लोकप्रियता कैसे बढ़ रही है। क्या सबका साथ सबका विकास की बात कहने वाली बीजेपी दस ऐसे मुद्दे गिना सकती है जिस पर कहा जा सके कि इनसे देश को फायदा हुआ।
इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) का सर्वे प्रशांत किशोर की संस्था I-PAC ने 57 लाख लोगों से बात की। I-PAC का ये सर्वे 55 दिनों तक चला, देश के करीब 712 जिलों में जनता से 923 नेताओं को लेकर बात की गई। 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अचानक चर्चा में आए प्रशांक किशोर को बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है। जंग का मैदान कितना भी बड़ा हो प्रशांत किशोर हमेशा पर्दे के पीछे रहते हैं, उन्हें पीके नाम भी जाना जाता है। प्रशांत किशोर इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी नाम का संगठन चलाते हैं जो लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करता है। 2014 में बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद प्रशांत किशोर ने 2015 में बिहार चुनाव के लिए नीतीश-लालू के महागठबंधन से हाथ मिला लिया था। इसके बाद साल 2017 में YSRC से जुड़ गए। पार्टी चीफ जगन मोहन रेड्डी ने खुद प्रशांत की मुलाकात पार्टी के बड़े नेताओं से करवाई थी। प्रशांत की प्लानिंग जहां बिहार में तो काम कर गई लेकिन YSRC को आंध्रप्रदेश के बायपोल चुनाव में कामयाबी नहीं मिल पाई। प्रशांत किशोर ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लिए भी काम किया लेकिन सफलता नहीं दिला पाए।