प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, मिलेगी 20 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री ग्रैच्युटी
सरकार ने गुरुवार को नोटिफाई कर दिया है कि निजी क्षेत्र में टैक्स फ्री ग्रैच्युटी की सीमा को दोगुना कर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इस नोटिफिकेशन में पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट में हुए संशोधन सम्मिलित हैं जो सरकार को यह अधिकार देते हैं कि वे कार्यकारी आदेश के जरिए इसकी सीमा को बढ़ा दें।
यह सरकार को महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि तय करने की अनुमति भी देता है। मौजूदा समय में यह अवधि सिर्फ 12 सप्ताह की है। इस बिल की मदद से सरकार अब मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) की अवधि को बढ़ाकर 26 हफ्ते कर सकती है। इसके मुताबिक केंद्रीय सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए मैटरनिटी लीव्स 26 हफ्तों के लिए तय कर दी गई है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद से सरकारी कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री ग्रैच्युटी की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके बाद से अब संगठित क्षेत्र के कर्मचारी जिनके पास पांच या पांच से ज्यादा वर्षों का अनुभव है वे 10 लाख रुपये की टैक्स फ्री ग्रेच्युटी के लिए योग्य हो गये हैं।
- लास्ट ड्रॉन सैलरी (बेसिक सैलरी प्लस डिअरनेस अलाउंस) X आपने जितने साल नौकरी की हो X 15/26।
- इस फॉर्म्यूले के मुताबिक 6 महीने से ऊपर के समय को 1 वर्ष के बराबर मान लिया जाता है। यानी आपने अगर बतौर सेवा 5 साल 8 महीने पूरे कर लिए हैं तो आपकी कुल सर्विस 6 साल की मान ली जाएगी।
- वहीं अगर आपकी सर्विस 5 साल 5 महीने की है तो आपका सेवा काल 5 साल का ही माना जाएगा।