प्राधिकरण को कोर्ट के आदेश का इंतजार, बिल्डर एमसीएलआर पर पैसे देने को तैयार
नोएडा: बिल्डरों और नोएडा प्राधिकरण के बीच चल रही बकाये की लड़ाई में फ्लैट खरीदार पिस रहे हैं। वर्ष 2020 के जुलाई में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत बिल्डर एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स) के आधार पर बकाया जमा करने को तैयार हैं लेकिन नोएडा प्राधिकरण मानने को तैयार नहीं। इस फैसले के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण की पुनर्विचार याचिका पर अभी सुनवाई चल रही है।
प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का अब जो फैसला आएगा, उसी के आधार पर बकाया लेंगे। नोएडा प्राधिकरण ने बकाया जमा नहीं करने के कारण खरीदारों के फ्लैटों की रजिस्ट्री पर रोक लगा रखी है। इससे खरीदारों को मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा समय बीतने के साथ ही पंजीकरण फीस, सर्किल रेट में बढ़ोतरी होने के कारण फ्लैट की रजिस्ट्री महंगी होती जा रही है।
ऐसे में फ्लैट खरीदारों की परेशानी बढ़ती जा रही है। नोएडा प्राधिकरण बकाये पर 11 से 18 प्रतिशत तक ब्याज वसूलता है। इसके खिलाफ बिल्डरों ने वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कई बार सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2020 में आदेश दिया कि वर्ष 2010 से बिल्डरों से बकाया एमसीएलआर की दरों के हिसाब से लिया जाए। यह करीब साढ़े आठ प्रतिशत बनती है।