उत्तर प्रदेश

प्रिंसीपल को पत्र लिखकर छात्राओं ने कहा स्कूल में टॉइलट नहीं है इसलिए काट दें नाम

उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के एक प्राइमरी स्कूल की छात्राओं ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर कहा है कि उनका नाम स्कूल से काट दिया जाए। छात्राओं का कहना है कि स्कूल में टॉइलट नहीं है उन्हें बाहर टॉइलट जाना पड़ता है, जिससे उन्हें परेशानी होती है इसलिए वे अब स्कूल में नहीं पढ़ेंगी।प्रिंसीपल को पत्र लिखकर छात्राओं ने कहा स्कूल में टॉइलट नहीं है इसलिए काट दें नाम

मामला फतेहाबाद के घागपुरा गांव का है। स्कूल में 129 छात्र पढ़ते हैं। इनमें से 57 छात्राएं हैं। उन्हें या तोखुले में टॉइलट  जाना पड़ता है या फिर आस-पास बने घरों में। छात्राओं ने बताया कि इससे पहले भी वे प्रिंसिपल को पत्र लिखकर स्कूल में टॉइलट न होने से परेशानी की बात बताई थी। 

प्रिंसिपल खुशी सिंह ने छात्राओं की वह शिकायत ग्राम प्रधान तक पहुंचा दी थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद छात्राओं ने कई बार स्कूल में टॉइलट  बनवाने की मांग की लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। 

कक्षा 3 में पढ़ते वाले छात्र विशाल कुमार ने बताया कि कई बार छात्रों की शिकायत के बाद स्कूल में टॉइलट का स्ट्रक्चर बनवा दिया गया था लेकिन बीते दो साल से चालू नहीं है। उन लोगों को खुले में, उनके घरों या आस-पड़ोस के घरों में टॉइलट जाना पड़ता है। छात्र तो किसी तरह मैनेज कर लेते हैं लेकिन छात्राओं  को बहुत परेशानी होती है। 

5वीं में पढ़ने वाली छात्रा कृष्णा ने बताया कि उसे टॉइलट के लिए स्कूल से दूर जाना पड़ता है इससे उसकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है। कई बार वे लोग समस्या में पड़ जाती हैं। इससे परेशान होकर कई छात्राओं ने पहले ही स्कूल आना छोड़ दिया है। 

खुशी सिंह ने बताया कि स्कूल में दो साल पहले सिर्फ टॉइलट का स्ट्रक्चर बनाकर छोड़ दिया गया था। छात्र- छात्राएं तब से लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने यह बात स्वीकार की कि स्कूल में टॉइलट न होन से कई छात्रों से स्कूल आना बंद कर दिया है। 

उन्होंने कहा कि उन्हें छात्रों से कई लिखित शिकायत मिलीं हैं कि स्कूल में टॉइलट नहीं है इसलिए उनके नाम स्कूल से काट दिए जाएं। गांव के प्रधान मुकेश वाल्मीकि ने कहा कि टॉइलट के नवीनीकरण का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। 

वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। वे संबधिंत अधिकारियों से छात्रों की समस्या का समाधान करने के लिए कहेंगी। टॉइलट की समस्या का समाधान जल्द कर दिया जाएगा छात्रों को स्कूल छोड़ने की जरूरत नहीं है। 

 

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