गुरुग्राम के भोंडसी स्थित एक नामी स्कूल के बाथरूम में कक्षा 2 के छात्र की गला रेतकर हत्या किए जाने के मामले में जांच कर रही सीबीआई ने तीन पुलिसकर्मियों को समन जारी किया है।
दरअसल गुरुग्राम के स्कूल में हुए प्रिंस हत्याकांड की शुरुआती जांच के दौरान गुरुग्राम पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। इसी के बाद यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया। अब इसी मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने 3 पुलिस वालों को समन भेजा है।
बता दें 8 सितंबर 2017 को गुरुग्राम के एक नामी स्कूल में कक्षा 2 के छात्र की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पहले स्कूल के ही बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया जिसमें सीबीआई ने कंडक्टर के बजाय स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र को दोषी पाया।
जब कोर्ट में यह केस चला तो अदालत ने आरोपी छात्र के भविष्य को देखते हुए इस केस को प्रिंस हत्याकांड नाम दे दिया और मृतक बच्चे को प्रिंस और आरोपी छात्र को भोलू नाम दिया।
कोर्ट ने 6, 10 और 13 अप्रैल को पक्ष रखने का दिया है मौका
गुरुग्राम के भोंडसी स्थित विद्यालय में दूसरी कक्षा के छात्र प्रिंस की हत्या मामले में शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेएस कुंडू की बाल अदालत में चार अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सीबीआई और आरोपी पक्ष के वकील के पेश नहीं होने के कारण कोर्ट ने 6, 10 और 13 अप्रैल को बहस की तारीख तय की है।
इन तीन तारीख में ही सभी पक्षों को बहस पूरी करने का निर्देश दिया है। 6 और 10 अप्रैल को सीबीआई और आरोपी पक्ष के वकील को बहस पूरी करनी होगी और 13 अप्रैल को प्रिंस के वकील को अपना पक्ष रखना होगा।
ऐसे में उम्मीद की जा रही है 13 अप्रैल को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट अपना फैसला दे सकता है। वहीं, इसी बीच 10 अप्रैल को कोर्ट के सामने सीबीआई भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर सकती है।
8 सितंबर को भोलू ने की प्रिंस की हत्या
कोर्ट ने पहले ही सीबीआई को दस अप्रैल तक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने को कहा है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद आरोपी और पीड़ित दोनों पक्षों को बहस करने के लिए पर्याप्त तथ्य मिल जाएंगे और कोर्ट भी सभी पहलुओं को देखते हुए कोई निर्णय दे सकता है।
बता दें कि 08 सितंबर को भोंडसी के विद्यालय में दूसरी कक्षा के छात्र प्रिंस की हत्या आरोपी भोलू ने कर दी थी। इस मामले में सीबीआई जांच में भोलू को मुख्य आरोपी मानते हुए हिरासत में लिया था। जेजे बोर्ड द्वारा आरोपी को बालिग करार देने के बाद यह मामला बाल अदालत (स्पेशल कोर्ट) में चला गया।
वहीं अदालत में आरोपी पक्ष की ओर से बोर्ड द्वारा आरोपी छात्र को बालिग करार दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई है। जिस पर सुनवाई होना बाकी है। इसके अलावा हिरासत में फिंगर प्रिंट लेने, रिमांड के दौरान निर्धारित समय से अधिक पूछताछ करने की याचिका विचाराधीन है।