प्रियंका का योगी सरकार पर हमला, बोलीं- यूपी में कर्जमाफी फर्जी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला जारी है। प्रियंका गांधी अब किसानों को लेकर हमले तेज कर रही हैं।
अब प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी को लेकर हमला बोला है। सहारनपुर में कर्ज में डूबे एक किसान के आत्महत्या करने के मामले में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर जगह कर्ज वसूली के मामले में छोटे-छोटे लोनों के लिए किसानों को प्रताडि़त किया जा रहा है। इसके बाद भी भाजपा सरकार अपनी तीन वर्ष की उपलब्धियों में झूठी कर्ज माफी का ढोल पीट रही है। कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि यहां पर किसानों का कर्ज माफ किया गया है। हकीकत तो सबके सामने है।
किसानों की कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक बार फिर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में छोटे-छोटे कर्ज की वसूली के लिए किसानों को प्रताडि़त किया जा रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि सहारनपुर के इस किसान पर मात्र एक लाख चालीस हजार रुपए का लोन था, लेकिन बैंक ने इस किसान को इतना प्रताडि़त किया कि उन्होंने बैंक के सामने ही आत्महत्या कर ली। यूपी में हर जगह यही हाल है। छोटे-छोटे लोन के लिए किसानों को प्रताडि़त किया जा रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी तीन वर्ष की उपलब्धियों में झूठी कर्ज माफी का ढोल पीट रही है। सहारनपुर के इस परिवार के लिए सरकार का क्या जवाब है। सहारनपुर के छुटमलपुर कस्बे में रहने वाले किसान वेदपाल ने बैंक के सामने ही आत्महत्या कर ली थी।
वेदपाल ने यूनियन बैंक आफ इंडिया से किसी दलाल के माध्यम से लोन लिया था, लेकिन लोन देते समय बैंक ने वेदपाल से पूर्व में दूसरे बैंक से लिए गए लोन का नो-ड्यूज सर्टिफिकेट जमा नहीं करवाया था। इसके बाद में बैंक ने पिछले बैंक के नो-ड्यूज सर्टिफिकेट की मांग की गयी। पूर्व बैंक से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट ना मिल पाने के कारण और बैंक के लगातार लोन का पैसा वापस जमा करने के दबाब से परेशान आकर वेदपाल ने सहारनपुर में एक बैंक के सामने पेड़ से लटक कर अपनी जान दे दी। मृतक के परिजनों का आरोप है कि दलालों व बैंक मैनेजर की मिली भगत से किसान को ऋण देने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर ने रिश्वत में मोटी रकम ली गयी थी।