प्रिया रमानी ने अकबर को दी बड़ी चुनौती, कहा- लड़ूंगी कानूनी लड़ाई, सच ही है मेरा बचाव
#MeToo अभियान के तहत कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण का आरोप झेल रहे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी पर मानहानी का मुकदमा दर्ज कराया है. अकबर द्वारा केस दर्ज कराने पर प्रिया रमानी ने कहा है कि वो डरा कर लोगों को चुप कराना चाहते हैं. बता दें कि एमजे अकबर ने सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में प्रिया रमानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है. प्रिया रमानी इस मामले में बयान जारी कर अपनी राय रखी है.
उन्होंने अपने बयान में कहा है कि पिछले दो हफ्तों के उथल-पुथल में विभिन्न पेशों से ताल्लुक रखने वाली कई महिलाएं, पत्रकारों ने संपादकों, लेखकों, बॉलिवुड हस्तियों और अन्य लोगों पर कार्यस्थल पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. उनकी गवाही धीमी लेकिन बढ़ते महिला सशक्तिकरण और भारत समेत पूरी दुनिया में सोशल मीडिया पर चले #MeToo अभियान का नतीजा है.
अब क्यों उठाई आवाज
रमानी ने कहा कि एमजे अकबर के संबंध में जिस समय इस तरह की घटनाएं हुईं उस समय शिकायत करने वाली महिलाएं उनके लिए कार्य करती थीं. जिन लोगों ने अकबर के खिलाफ बोला है उन्होंने अपने निजी और पेशेवर जीवन में बड़ा जोखिम उठाया है. इस समय यह कहना कि वे लोग अब क्यों बोल रहे हैं धुर्तता है, जैसा कि हम सब जानते हैं यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को किस तरह से कलंक और बदनामी झेलनी पड़ती है. इन महिलाओं के इरादे पर सवाल उठाने की जगह हमें कार्यस्थल को भविष्य में महिलाओं और पुरुषों के लिए बेहतर बनाने की जरूरत है.
रमानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री द्वारा सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए नकारना काफी निराशा करने वाला है. उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर आपराधिक मानहानी का मुकदमा दायर कर अकबर मे अपना रुख साफ कर दिया है कि: कई महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर बात करने के बजाय, वो डरा कर लोगों को चुप कराना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि मैं अकबर द्वारा अपने ऊपर लगाए गए मानहानी के आरोपों का सामना करने और लड़ने के लिए तैयार हूं, क्योंकि मेरा एकमात्र बचाव सत्य है.
अकबर ने दी थी सफाई
अफ्रीकी देशों के दौरे से लौटे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने रविवार को अपनी सफाई में कहा था कि झूठ के पांव नहीं होते, लेकिन उसमें जहर होता है. वे उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा था कि पत्रकार प्रिया रमानी ने यह कैंपेन एक साल पहले एक पत्रिका में लेख के माध्यम से शुरू किया था. उन्होंने मेरा नाम नहीं लिया क्योंकि वो जानती थीं कि उनकी कहानी गलत है. जब उनसे पूछा गया कि आपने नाम क्यों नहीं लिया तब उन्होंने ट्वीट में लिखा, “नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया.”
यौन शोषण के खिलाफ एक साल पहले अमेरिका से शुरू हुए #MeToo अभियान ने भारत सिनेमा, इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के साथ राजनीति को भी अपनी चपेट में ले लिया. अब तक बॉलीवुड और मनोरंजन इंडस्ट्री से जुड़ी कई महिलाएं सोशल मीडिया पर सामने आकर यौन शोषण के गुनहगारों का नाम सार्वजनिक कर चुकी हैं.