राजस्थान के भरतपुर के उच्चैन के रिचोली गांव की रहने वाली निशा ने अपने सुसाइड नाेट में लिखा अाज के बाद कभी किसी के साथ ऐसा नहीं करना या कभी किसी को इतना प्यार नहीं करना। प्लीज स्माइल ऑल लाइफ। इतना लिखने के बाद फंदा लगा लिया निशा भरतपुर से पॉलीटैक्निक कर रही थी वह अपनी बड़ी बहन रूबी उर्फ विजय रानी के साथ तिलक नगर में पहली मंजिल पर किराए के मकान में रहती थी।
रूबी इन दिनों गांव में ही थी और निशा दो दिन पहले ही गांव से भरतुपर आई थी। शुक्रवार सुबह इसके सुसाइड की जानकारी पुलिस को मिली। उसने गुरुवार देर रात ही चुनरी को पंखे में लटकाकर फंदा लगा लिया था पुलिस ने शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा लिया है और परिजनों को सौंप दिया है।
असल में निशा जिस मकान में किराए पर रहती है, उसी में कई और परिवार किराए पर रहते हैं। इनमें से एक परिवार विवाह समारोह में शरीक होने जा रहे थे। इसी दौरान परिवार के एक-दो सदस्यों ने कहा- निशा को भी साथ ले चलते हैं, चेंज हो जाएगा। वह भी घूम आएगी। परिवार की एक महिला ने निशा के कमरे को खटखटाया, लेकिन अंदर से आवाज नहीं आई।
काफी देर आवाज लगाने के बाद अन्य सदस्यों व अन्य लोगों को भी बुलाया, खिड़की में से देखा तो अवाक रह गए। निशा फंदे से लटकी हुई थी। आखिर कौन है यह रवि? आखिर रवि का निशा से क्या संबंध था? निशा का पारिवारिक सदस्य है या कोई दोस्त? निशा का क्लासमेट है या गांव का? अब पुलिस इसी बात की छानबीन करेगी। पुलिस जब रवि का पता लगाएगी और उससे पूछताछ करेगी तो ही स्पष्ट हो सकेगा कि आखिर निशा ने आत्महत्या क्यों की?
निशा के पिता संतोषी मीणा का 15 साल पहले ही निधन हो गया था। निशा के कोई भाई नहीं है। निशा की तीन और बहनें हैं। सबसे बड़ी रूबी निशा के साथ ही रहती थी। यह भरतपुर में एमए प्रीवियस की छात्रा है। दूसरे नंबर की निधि है, जिसका नाम सुसाइड नोट में भी लिखा है। यह गंगापुर सिटी में कंपीटिशन की तैयारी में जुटी है। सबसे छोटी विधि है जो गांव में रहती है और सीनियर सैकंडरी का एक्जाम दिया है। निशा के दो चाचा डॉक्टर हैं, जिनमें से एक जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में सेवारत हैं।