
नोटबंदी के दौरान काला धन सफेद करने के लिए इस्तेमाल की गईं शैल कंपनियों पर सरकार अपना शिकंजा और कसने की तैयारियों में है। इसके लिए सरकार मौजूदा कानूनों में बदलाव करने वाली है जिसके बाद ऐसी कंपनियों पर क्रिमिनल एक्शन लिया जा सकेगा।

शैल कंपनियों के फैले जाल पर नकेल कसने के लिए MCA और राजस्व विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। सरकार को आशंका है कि नोटबंदी के दौरान बहुत सारी शैल कंपनियों के जरिए ही लोगों ने काला धन जमा किया और बाद में निकाल लिया। नोटबंदी के बाद कर विभाग को जो शुरुआती आंकड़े मिले थे उसके मुताबिक 4,600 करोड़ रुपए तो कुल छह हजार कंपनियों ने जमा किए थे।
कुछ कंपनी तो ऐसी हैं जिनके 900 से ज्यादा बैंक अकाउंट निकले थे। कर अधिकारी के मुताबिक, ज्यादा खाते रखना जुर्म नहीं है लेकिन यह पता किया जाएगा कि पैसे बताए गए स्त्रोतों से प्राप्त हुए हैं या नहीं।