नोटबंदी के दौरान काला धन सफेद करने के लिए इस्तेमाल की गईं शैल कंपनियों पर सरकार अपना शिकंजा और कसने की तैयारियों में है। इसके लिए सरकार मौजूदा कानूनों में बदलाव करने वाली है जिसके बाद ऐसी कंपनियों पर क्रिमिनल एक्शन लिया जा सकेगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मिनिस्ट्री ऑप कॉर्पोरेट अफेयर्स (MCA) जिसने पहले दो लाख से ज्यादा रिटर्न ना भरने वाली कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था अब वह ‘न्यू कंपनी एक्ट’ के सेक्शन 447 में एक प्रावधान जोड़ने की तैयारी कर रही है। इसके लागू होने के बाद फ्रॉड के किसी केस में तीन से 10 साल की सजा दी जा सकेगी। किसी तरह की चूक और छिपाने को फ्रॉड की श्रेणी में रखा जाएगा।
शैल कंपनियों के फैले जाल पर नकेल कसने के लिए MCA और राजस्व विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। सरकार को आशंका है कि नोटबंदी के दौरान बहुत सारी शैल कंपनियों के जरिए ही लोगों ने काला धन जमा किया और बाद में निकाल लिया। नोटबंदी के बाद कर विभाग को जो शुरुआती आंकड़े मिले थे उसके मुताबिक 4,600 करोड़ रुपए तो कुल छह हजार कंपनियों ने जमा किए थे।
कुछ कंपनी तो ऐसी हैं जिनके 900 से ज्यादा बैंक अकाउंट निकले थे। कर अधिकारी के मुताबिक, ज्यादा खाते रखना जुर्म नहीं है लेकिन यह पता किया जाएगा कि पैसे बताए गए स्त्रोतों से प्राप्त हुए हैं या नहीं।