नई दिल्ली : देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर के राजनीतिक सचिव रहे एच.एन. शर्मा ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत करोड़ों की प्रापर्टी हड़पने के लिए वर्ष 2000 में फर्जी युवा भारती ट्रस्ट बनाया और फिर 13बी, राउज एवेन्यू, विष्णु दिगंबर मार्ग, नई दिल्ली-2 पर न सिर्फ कब्जा कर लिया बल्कि एक मंजिला भवन बनवा कर उसे किराए पर भी चढ़वा दिया। जबकि इससे पूर्व स्व. चंद्रशेखर द्वारा 1974 में ही युवा भारती ट्रस्ट बनाई थी और दिल्ली सरकार ने सन 1979 में इस ट्रस्ट के नाम जमीन आबंटित करते हुए 1999 में कब्जा देने की बात कही थी।
यह मामला संज्ञान में आने पर युवा भारती ट्रस्ट से जुड़े लोगों न सिर्फ भवन पर तालाबंदी की बल्कि चंद्रशेखऱ के नाम से जुड़ी संस्थाओं को हड़पने के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही, सोसाइटी पंजीकरण विभाग से भी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। पंजीकरण विभाग से यह जानकारी भी मांगी गई है कि आखिर जब पहले से ही युवा भारती ट्रस्ट रजिस्टर हो गया था तो फिर इसी नाम से एच.एन.शर्मा ने दोबारा कैसे ट्रस्ट को रजिस्टर करवाया।
गौरतलब है कि एच.एन.शर्मा ने पहले फर्जी युवा भारती ट्रस्ट के नाम से सोसाइटी बनाकर उपरोक्त प्रापर्टी पर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया। शर्मा ने सोसाइटी की जमीन पर एक मंजिला भवन बनाकर उसे एक कंपनी (एटीसी) को किराए पर भी दे दिया। इसके लिए ट्रस्ट के पदाधिकारियों की हुई बैठक में युवा भारती ट्रस्ट के अध्यक्ष कृपा शंकर सिंह (चंद्रशेखर पूर्व प्रधानमंत्री के भाई), सचिव बसंता, नंद कुमार, सदस्य प्रवीण सिंह, नीरज शेखर (एमपी), रवि शंकर सिंह (एमएलसी), डा. नवीन सिंह, हरीधवन सिंह औऱ चंद्रशेखर के पदचिह्नों पर चलने वाले कई सहयोगीगण शामिल थे।