फांसी से पहले अंतिम इच्छा में क्या-क्या मांग सकता है एक कैदी, जानकर आप भी रह जाएंगे दंग
संसार में दो ही चीजें सास्वत सत्य है एक जन्म और दूसरा मृत्यु. किसी को समय के साथ मृत्यु नसीब होती है तो किसी को समय के बाद. समय से पहले उन्हीं लोगों को मृत्यु प्राप्त होती है जो की किसी कारणवश किसी दुर्घटना में मारे गये या फिर यदि किसी ने उनका खून कर दिया हो या फिर आगे किसी ने किसी की हत्या की हो तो उन्हें भी कानून के तहत फांसी की सजा दी जाती है जो की एक तरह से समय से पहले आने वाली मृत्यु ही कहलाती है. आपने जेल में कैदियों को फांसी की सजा से पहले उनकी अंतिम इच्छा पूछे जाने के बारे में तो जरूर सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है की एक कैदी अपनी अंतिम इच्छा में किन किन चीजों की मांग कर सकता है. आईये आपको बताते हैं की जेल में फांसी से पहले एक कैदी अंतिम इच्छा पूछे जाने पर किन किन चीजों की मांग कर सकता है.
कुछ लोग ऐसा सोचते हैं की जेल में जिस कैदी को मृत्यु की सजा दी जाती है उन्हें फांसी के वक़्त उनकी अंतिम इच्छा पूछे जाने पर हर वो चीज पूरी की जाती है जिसकी वो मांग करते हैं. आपको जानकर बेशक हैरानी होगी की ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. पहली बात तो ये है की फांसी की सजा के बारे में सुनने के बाद बहुत से कैदी तो ऐसे होते हैं जो की मौत के डर से ही अपनी कोई भी अंतिम इच्छा जाहिर नहीं करते हैं. अब रही बात एक कैदी की अंतिम इच्छा की मांग पूरी करने की तो उनकी वहीँ मांगें पूरी की जाती है जो की कानून के दायरे में आती हो. अब मान लीजिये किसी कैदी से उसकी अंतिम इच्छा पूछी जाए और वो बदले में माफ़ी की मांग करे तो कानून उसकी इस इच्छा को कभी पूरी नहीं कर सकता है क्यूंकि वो कानूनी दायरे के बाहर की मांग है.
जेल में फांसी से पहले एक कैदी की कुछ इच्छाओं को पूरी की जा सकती है जैसे की वो अगर मरने से पहले किसी अच्छे भोजन की मांग करता है तो उसकी उस इच्छा को जेल प्रशाशन पूरी करते हैं. इसके अलावा अगर कोई कैदी मरने से पहले अपने परिवार के किसी सदस्य से मिलना चाहता हो तो उसकी उस इच्छा को भी पूरा किया जाता है. इसके अलावा फांसी की सजा से पहले यदि कोई कैदी अपनी अंतिम इच्छा के तौर पर किसी धार्मिक या अपनी पसंदीदा किताबा को पढने की इच्छा जाहिर करता है तो जेल प्रशाशन उसकी इस इच्छा को पूरी करती है.
अब आपको भी मालूम चल गया होगा की जेल में फंसी की सजा पाए जाने वाले कैदी की किस इच्छा को पुरी की जा सकती है और किस इच्छा को नहीं. इसके अलावा एक चीज और जानना बेहद आवश्यक है और वो ये है की अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरह से अपने मौत के आखिरी समय पर राष्ट्रपति को चिट्टी लिखकर अपने किये के लिए क्षमा प्रार्थना की अर्जी देता है तो केवल वहीँ उसकी सजा और जुर्म पर गौर करके उसे माफ़ी दे सकते हैं.