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फिर जाग उठा भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी, उगल रहा लाल गर्म लावा

अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर मौजूद भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी फिर से जाग गया है। इससे लावा और राख निकलने लगी है। ज्वालामुखी के फिर से सक्रिय होने की वजह से वैज्ञानिक चिंतित हैं। गोवा में स्थित नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसनग्राफी (NIO) के वैज्ञानिकों के मुताबिक बैरन द्वीप पर मौजूद ये ज्वालामुखी 150 सालों से निष्क्रिय रहने के बाद 1991 में सक्रिय हो गया था। उसके बाद ये रह-रह कर सक्रिय हो रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक एनआईए टीम की अगुवाई कर रहे अभय मधोलकर ने बताया कि ज्वालामुखी से हर पांच से दस मिनट में विस्फोट हो रहा है। टीम अंडमान बेसिन से उसके सैम्पल इकट्ठे कर रही है।

ज्वालामुखी से निकली राख के लिए गए सैम्पल

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को दिनभर ज्वालामुखी से सिर्फ राख निकल रही थी, लेकिन शाम होते-होते उससे लाल गर्म लावा निकलने लगा। इसके बाद बी.नागेंद्रनाथ और उनकी टीम ने फिर ज्वालामुखी का फिर मुआयना किया।

उन्होंने भी पाया कि ज्वालामुखी में रह-रहकर विस्फोट हो रहे हैं और उससे लावा और राख निकल रही है। कांउसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) और एनआईओ के शोधकर्ताओं ने पिछले महीने भी ज्वालामुखी से निकली राख के सैम्पल लिए थे। ज्वालामुखी पोर्ट-ब्लेयर से 140 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है। बैरन द्वीप दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है। बैरन का मतलब बंजर होता है, यहां कोई आबादी नहीं है और जंगल भी कम है।

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