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फिल्म समीक्षा: ज्यादा रोमांचित नहीं करती ‘SPECTRE’

SPECTRE-Film-Stills-01340-1448038641स्टार कास्ट : डेनियल क्रेग, क्रिस्टोफ वॉल्ट्ज, ली सेडोक्स, बेन व्हीशॉ, नाओमी हैरिस, डेव बतिस्ता, मोनिका बलूची, राल्फ फिनेस, एंड्यू स्कॉट
डायरेक्शन: सैम मेंडेस, म्यूजिक : थॉमस न्यूमैन, स्क्रीनप्ले:जॉन लोगन, नील पूर्विस, रॉबर्ट वाडे, जेज बटरवर्थ
 
 अपनी स्टाइल और करिश्माई स्टंट्स से दुनियाभर के दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाला जेम्स बॉन्ड हर दिल अजीज है। इसीलिए लोग जेम्स बॉन्ड सीरीज की फिल्मों को देखने के लिए लालायित रहते हैं। 
 
यही नहीं, जेम्स बॉन्ड इंडियन ऑडियंस में भी काफी पॉपुलर है, इसलिए यहां के दर्शकों को भी इस सीरीज की 24वीं फिल्म ‘स्पेक्टर’ का बेसब्री से इंतजार था। ‘कैसिनो रॉयल’ (2006), ‘क्वांटम ऑफ सोलेस’ (2008) और ‘स्काईफॉल’ (2012) के बाद डेनियल क्रेग इस फिल्म में चौथी बार जेम्स बॉन्ड अवतार में हैं। 
 
सैम मेंडेस निर्देशित यह फिल्म बॉन्ड फॉर्मूला को ही फॉलो करती है, लेकिन उतना रोमांच पैदा नहीं करती, जितनी उम्मीद की जा रही थी। हालांकि फिल्म में बॉन्ड ने कार, हैलिकॉप्टर और प्लेन पर हैरतअंगेज एक्शन किए हैं, खासकर फिल्म का ओपनिंग सीक्वेंस अत्यंत थ्रिलिंग और इलेक्ट्रिफाइंग है, जो दर्शकों की उम्मीदों को पर लगा देता है। 
कहानी जेम्स बॉन्ड के एक और मिशन की है, जिसमें कई इंटरेस्टिंग ट्विस्ट्स आते हैं और इस मिशन के तहत बॉन्ड मैक्सिको, रोम, लंदन, ऑस्ट्रेलिया जैसी जगहों पर जाता है। इन सबके बीच बॉन्ड के करतब देखने लायक हैं। फिल्म की शुरुआत में मैक्सिको सिटी का ‘डे ऑफ द डेड’ दिखाया है और इसी सीन से बॉन्ड की जबरदस्त एंट्री होती है। यह बेहद डैजलिंग सीक्वेंस है। 
 
ऐसे सीन फिल्म में कई हैं, लेकिन फिल्म का रनिंग टाइम ज्यादा और स्क्रीनप्ले में कसावट नहीं होने से बीच-बीच में रोमांच की कमी खलती है। हालांकि एक्शन सीक्वेंस, स्टंटवर्क, सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और एक्टर्स की परफॉर्मेंस शानदार है। सैम का डायरेक्शन ठीक है, पर वे अपनी पकड़ और मजबूत कर सकते थे। 
बॉन्ड के रोल में क्रेग की स्टाइल, एक्टिंग, होशियारी और एक्शन शानदार हैं। प्लेन को बर्फ पर लैंड करवाना, हैलिकॉप्टर व ट्रेन में फाइट और कार चेस जैसे सीक्वेंस कमाल के हैं। इन सबके बावजूद क्रेग बॉन्ड के रूप में कोई सरप्राइज नहीं देते। बॉन्ड फिल्म में किसिंग सीन भी क्यूरोसिटी जगाते हैं, पर उन पर सेंसर बोर्ड की कैंची ने एक दर्शक वर्ग को निराश किया। 
 
बॉन्ड गर्ल की भूमिका में ली सेडोक्स अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने में कामयाब रही हैं। मोनिका बलूची अपनी एंट्री से उम्मीद जगाती हैं, पर यह उम्मीद कुछ ही मिनट में ढेर हो जाती है, क्योंकि उनका रोल नाममात्र का है। विलेन के किरदार में डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर डेव बतिस्ता अपने फेस के डेड्ली एक्सप्रेशंस से खौफ कायम करने में सफल रहे। बिना कुछ बोले ही अपनी अंगुलियों से सामने वाले की आंखों को दबाकर उसकी हत्या करने जैसे दृश्यों में उनकी दरिंदगी झलकती है। 
 
क्रिस्टोफ वॉल्ट्ज प्रमुख विलेन अर्नस्ट स्टाव्रो ब्लोफेल्ड के कैरेक्टर में हैं, जो मास्टरमाइंड है, पर एक्टिंग में उतने इम्प्रेस नहीं करते। सपोर्टिंग एक्टर्स का अभिनय सराहनीय है। सिनेमैटोग्राफी अट्रैक्टिव है, विभिन्न लोकेशंस को खूबसूरती से फिल्माया है। बहरहाल, बगैर किसी सरप्राइज की उम्मीद के बॉन्ड सीरीज की एक और मूवी के रूप में देखी जा सकती है ‘स्पेक्टर’। 

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