लखनऊ : गोमुखासन करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों को सामने सीधे एड़ी-पंजों को मिलाकर बैठे। बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें, दाहिने पैर को बाएं
जाँघ के ऊपर रखें। घुटने एक दूसरे के उपर रहना चाहिए। दाहिने हाथ को उपर उठाकर पीठ के पीछे ले जाइए अब बायें हाथ को पीठ के पीछे पेट के पास से ले जाएँ और दायें हाथ से बायें हाथ को परस्पर बाँध लीजिए गर्दन व कमर सीधी रखें। एक मिनट तक आराम से बैठ सकते है साँस समान्य बनाए रखेँ। अब फिर से वापस आ जाइए पैरों को सामने की ओर सीधा कर लीजिए, अब इसको दूसरे पैर से अर्थात अब दाएँ पैर को नीचे और बायें पैर को उपर कर दोहराइये, इसमें हाथों को बदलते हुए बायें हाथ को ऊपर से ले जाते हुए उसी तरह दोहराएँगे।
गोमुखासन करने से कमर, पीठ दर्द आदि में भी लाभदायक। महिलाओं के लिए बहुत लाभप्रद आसन है। फेफड़ों, श्वास संबंधी रोग में लाभ मिलता है। यह आसन गठिया, कब्ज, हर्निया, यकृत, बहुमूत्र, मधुमेह एवं स्त्री रोगों में बहुत ही लाभदायक है।