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फेसबुक क्यों मांग रहा है न्यूड फोटो

तस्वीर मिलान तकनीक 

सोशल मीडिया के कारण किसी से बात करना अपनी फिलिंग शेयर करना  बहुत आसान हो गया है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स वो लोग भी दोस्त बन जाते हैं जो कभी रियल लाइफ में मिले भी नही है। वीडियो चैट , काॅलिग के जरिए मिल दूर होकर भी एक दूसरे के टच में रह सकते हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लोग एक दूसरे से अक्सर अपनी निजी बातें, प्राइवेट फोटो भी शेयर करते हैं। लेकिन अक्सर ये प्राइवेट फोटो शेयर करना बहुत मंहगा पङ जाता है। रिसीवर इन तस्वीरों को सार्वजनिक  करने की धमकी देते हैं। इस समस्या के कारण ऑनलाइन क्राइम में काफी बढोतरी हुई है। लेकिन वर्ल्ड वाइड फेमस सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने इस समस्या को खत्म करने का रास्ता ढूंढ लिया है। फेसबुक क्यों मांग रहा है न्यूड फोटो

आस्टेलिया में फेसबुक यूजर्स से ‘न्यूड फोटो ‘ मांग रहा है। आपको सुने में अजीब लगेगा लेकिन फेसबुक  ऐसा सोशल साइट ‘रिवेंज पोर्न’  से बचने के लिए कर रहा है । फेसबुक ने इस परियोजना का नाम तस्वीर मिलान तकनीक रखा है। इस तस्वीर मिलान तकनीक के तहत फेसबुक यूजर की न्यूड फोटो का मिलान शेयर की हुई तस्वीर से करेगा । और उसे प्रोटेक्ट कर देगा। जिसे कोई भी व्यक्ति उस तस्वीर को मेसंजर इस्टांग्राम या किसी ओर साइट पर आगे फारवर्ड  या शेयर नही कर पाएगा ।

क्योंकि लोग अक्सर भावुकता में आकर तस्वीरें शेयर तो कर देते हैं लेकिन तस्वीरें शेयर करने के बाद मन में तस्वीरों के मिस यूज का डर बना रहता है। लेकिन इस तस्वीर मिलान तकनीक की मदद से आपकी तस्वीरें प्रोटेक्ट हो जाती है। जिसे इन्हे आगे शेयर नही किया जा सकता। फेसबुक आज के वक्त में दुनिया की सबसे पाॅपुलर चैटिंग वेबसाइट । जिसने हाल ही में 3 अरब यूजर्स का आकङा पार किया । इतने यूजर्स अब तक किसी ओर सोशल साइट पर नही है। इतने सारे यूजर्स होने के कारण क्राइम का खतरा भी साइट ज्यादा है।

आस्टेलिया में यूजर्स अगर सोशल साइट्स पर न्यूड फोटो या कोई अजीब फोटो शेयर करते हैं जिनका बाद में उन्हें सार्वजनिक होने का डर है तो वह यूजर्स आस्टेलिया सरकार की ईसेफ्टी कमीशन को इसकी जानकारी दे सकते हैं। डिपार्टमंट तस्वीरों पर डिजिटल फिंगरप्रिंट के प्रोटेक्टर की मदद से तस्वीरों को प्रोटेक्ट कर देते हैं। फेसबुक  की ये तस्वीर मिलान तकनीक मुहिम अभी केवल आस्टेलिया में चल रही है लेकिन जल्द अमेरिका , इंडोनेशिया जैसे देश भी इसे जुङ जाएंगे। अगर ये तकनीक भारत में आती है  इसे यहां के  यूजर्स को काफी फायदा होगा।

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