दिल्ली
फैक्टरी में आग से 2 की मौत, समय से आ जाती फायर ब्रिगेड तो जलकर ना मरते मजदूर

गांधी नगर के कैलाश नगर में रविवार देर रात एक सिलाई फैक्टरी में भीषण आग से दो मजदूरों की जिंदा जलकर मौत हो गई। मृतकों की शिनाख्त मगाई, कोतवाली, शाहजहांपुर, (यूपी) निवासी फैजान (22) और बिशालपुर, कोतवाली, शाहजहांपुर, (यूपी) निवासी शाहमत (30) के रूप में हुई है।

हादसे के समय तीसरी मंजिल पर मौजूद मकान मालिक व उसके परिवार के छह सदस्यों ने छत के रास्ते पड़ोसी के घर उतरकर अपनी जान बचाई। दमकल की 11 गाड़ियों को आग पर काबू पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस के मुताबिक, रविवार देर रात 11.52 पर पुलिस व दमकल विभाग को सूचना मिली कि 9/2430 गली नंबर-18 कैलाश नगर में सिलाई की फैक्टरी में आग लगी है। 110 गज के मकान में भूतल, पहली और दूसरी मंजिल पर कपड़ों की सिलाई की फैक्टरी है। तीसरी मंजिल पर मकान मालिक किशोर अग्रवाल (68), पत्नी संतोष, तीन बेटों पवन, रितेश, सन्नी व एक बेटी बबीता के साथ रहते हैं। तीनों ही फैक्टरी में 10 से 15 मजदूर काम करते हैं। रविवार रात को पहली मंजिल पर राजू मास्टर नामक फैक्टरी मालिक के दो मजदूर ओवरटाइम करने के लिए रुक गए थे।
फैक्टरी के मेन गेट पर ताला लगा था। दोनों मजदूर पहली मंजिल स्थित फैक्टरी के बाहरी हिस्से में कपड़ों पर प्रेस कर रहे थे। इसी दौरान आग लग गई। दोनों जान बचाने को ऊपर भागे, लेकिन किशोर अग्रवाल ने तीसरी मंजिल पर जीने का दरवाजा बंद किया हुआ था। दोनों वापस नीचे की ओर भागे, तो आग दूसरी मंजिल तक पहुंच चुकी थी। इधर शोर शराबा सुनकर किशोर का परिवार जान बचाने को छत पर भागा, बाद में पड़ोसी के मकान पर सीढ़ियां लगाकर परिवार उतर गया। हादसे में आग में फंसकर शाहमत और फैजान की मौत हो गई। शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त, नूपुर प्रसाद ने बताया कि आग के कारणों की छानबीन की जा रही है। फिलहाल लापरवाही का मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है। जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
इमारत में जाने का साहस नहीं जुटा सके पड़ोसी सिलाई फैक्टरी में आग लगते ही कैलाश नगर की गली नंबर-18 में चीख-पुकार मच गई। लोगों को डर सताने लगा कि आग कहीं उनके घरों तक न आ जाए। इसी भगदड़ के बीच किशोर अग्रवाल के मकान से शाहमत और फैजान के चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। दोनों आग में फंसकर पड़ोसियों से मदद मांग रहे थे, लेकिन आग की भयावहता को देखते हुए कोई भी पड़ोसी इमारत के अंदर जाने का साहस नहीं जुटा पाया। दमकल कर्मियों ने जब उनके शवों को बिल्डिंग से बाहर निकाला, को वह कोयला बन चुके थे।
45 मिनट में पहुंचीं दमकल की गाड़ियां पड़ोसियों ने दावा किया कि आग लगने के बाद वह लगातार दमकल विभाग को कॉल करते रहे, लेकिन आग बुझाने की गाड़ियां करीब 45 मिनट बाद पहुंचीं। इधर, दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 11.52 पर आग लगने की सूचना मिलते ही गाड़ियां निकल गई थीं। चूंकि फैक्टरी मेन रोड से काफी अंदर जाकर थी, इसलिए राहत कार्य में थोड़ा समय लगा। करीब 500 मीटर लंबा पाइप जोड़कर फैक्टरी तक पानी पहुंचाया गया। 12.45 तक आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया था।
आग के ढेर पर बैठा है गांधी नगर एशिया की सबसे बड़ी कपड़े की मार्केट कही जाने वाली गांधी नगर मार्केट में 10 हजार से अधिक दुकानें हैं। इसके अलावा इतनी ही यहां पर फैक्टरी भी मौजूद हैं। रोजाना यहां लाखों लोग खरीदारी करने, अपनी दुकानों पर और काम के लिए आते हैं। पतली-पतली गलियों में बनी दुकानों और फैक्ट्रियों में किसी हादसे के समय मदद पहुंचाना काफी मुश्किल है।
इस साल आग लगने की घटनाएं
17 अप्रैल : नवादा इलाके में क्रोकरी बनाने वाली फैक्टरी में लगी भीषण आग, दो लोगों की मौत, एक झुलसा।
13 अप्रैल: दिल्ली के दक्षिण पीतमपुरा इलाके में आग लगने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत, मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल।
09 अप्रैल : सुल्तानपुरी इलाके के राजपार्क में जूते बनाने की फैक्टरी में भीषण आग, चार लोगों की मौत, कई झुलसे, 10 लोगों को सकुशल बचाया गया।
16 मार्च : मौजपुर इलाके में घर में लगी आग, मां को बचाने गए युवक की झुलसने से मौत।
10 फरवरी : करोलबाग इलाके में कपड़ा फैक्टरी में लगी भीषण आग, हादसे में एक मजदूर की मौत।
20 जनवरी : दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में लगी भीषण आग, 17 मजदूर जिंदा जले, तीन झुलसे।
17 अप्रैल : नवादा इलाके में क्रोकरी बनाने वाली फैक्टरी में लगी भीषण आग, दो लोगों की मौत, एक झुलसा।
13 अप्रैल: दिल्ली के दक्षिण पीतमपुरा इलाके में आग लगने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत, मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल।
09 अप्रैल : सुल्तानपुरी इलाके के राजपार्क में जूते बनाने की फैक्टरी में भीषण आग, चार लोगों की मौत, कई झुलसे, 10 लोगों को सकुशल बचाया गया।
16 मार्च : मौजपुर इलाके में घर में लगी आग, मां को बचाने गए युवक की झुलसने से मौत।
10 फरवरी : करोलबाग इलाके में कपड़ा फैक्टरी में लगी भीषण आग, हादसे में एक मजदूर की मौत।
20 जनवरी : दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में लगी भीषण आग, 17 मजदूर जिंदा जले, तीन झुलसे।