फ्रांस में सबसे बड़ा आतंकी हमला; हमलों में गई 129 की जान, IS ने ली जिम्मेदारी
दस्तक टाइम्स/एजेंसी- पेरिस : फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए सिलसिलेवार हमलों को आतंकियों की तीन टीमों ने अंजाम दिया और इनमें 129 लोग मारे गए जबकि 352 अन्य घायल हुए। पेरिस के अभियोजक फ्रांस्वा मोलिंस ने कहा कि ‘बर्बर कृत्य’ के बाद 99 घायल लोगों की हालत गंभीर है। आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के जेहादियों ने शहर के एक कंसर्ट हॉल, कई रेस्त्रांओं और राष्ट्रीय खेल स्टेडियम पर किए गए हमलों की आज जिम्मेदारी ली।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि वह मृतक संभवत: इमारत में घुसे हमलावरों में शामिल था जो कंसर्ट हॉल में तब घुसे जब वहां करीब 1,500 लोग एक अमेरिकी रॉक बैंड की प्रस्तुति देख रहे थे। कंसर्ट हॉल में एक हमलावर के शव के पास सीरिया का पासपार्ट मिला जिससे यूरोप पर पश्चिम एशिया के चरमपंथ के खतरे की आशंकाओं को बल मिलता है।
सिलसिलेवार हमलों के तहत हुए आत्मघाती हमले फ्रांस की जमीं पर हुए इस तरह के पहले हमले थे। ओलोंद ने हमलों को लेकर कहा कि इन हमलों की ‘तैयारी और योजना विदेश में बनायी गयी थी जिसमें (फ्रांस के) भीतर से सहयोग मिला जिसे जांच स्थापित कर देगी।’
राजनीतिक विचारक संगठन ‘यूरेशिया ग्रुप’ के विश्लेषकों ने कहा कि हमलों से ‘इस्लामिक स्टेट के काम करने के तरीके में एक संरचनात्मक बदलाव की पुष्टि होती है और लगता है कि ये पश्चिम में और हमलों की शुरूआत है।’ फ्रांस की सड़के आज वीरान रहीं। अधिकारियों ने 2004 में स्पेन के मैड्रिड में हुए ट्रेन हमलों के बाद से यूरोप में हुए सबसे भीषण हमलों के बाद देश में आपात स्थिति की घोषणा की।
इसी साल जनवरी में यहां व्यंग्य पत्रिका ‘शार्ली हेब्दो’ के दफ्तर और एक यहूदी सुपरमार्केट पर हमला किया गया किया था जिनमें 17 लोग मारे गए थे। अगस्त महीने में बड़ा हमला उस वक्त टल गया था जब एक हाई-स्पीड ट्रेन से एक बंदूकधारी को पकडकर हमला विफल किया गया था।
पेरिस में कल हुए हमलों के संदर्भ में शनिवार सुबह तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या कोई बंदूकधारी अब भी फरार है। पुलिस कई स्थानों की वीडियो फुटेज खंगाल रही है। हमलों के बाद पेरिस में सभी खेल आयोजन रद्द कर दिए गये तथा संग्रहालयों और स्वीमिंग पूल जैसे स्थानों पर लोगों को पहुंचने से रोका गया है। स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।
पेरिस के पुलिस प्रमुख माकइल कादोत ने कहा कि पेरिस और आसपास के इलाकों में गुरूवार तक के लिए प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है। राष्ट्रपति ओलोंद खुद इस जघन्य हमले की जद में आ गए थे जब वह उस स्टेडियम में थे जिसके निकट आत्मघाती हमलावरों ने हमला किया। स्टेडियम से ओलोंद को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यहां फ्रांस और जर्मनी के बीच मैत्री फुटबाल मैच चल रहा था।
आत्मघाती बेल्ट पहने चार बंदूकधारियों ने यहां हमला किया और भीड़ पर गोलियां बरसाईं। हमलावरों के पास अत्याधुनिक हथियार थे। हॉल के अंदर मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। लोग घायलों अथवा लाशों के उपर से भागने लगे या फिर छिपने की कोशिश करने लगे। आतंकवादियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया और फिर उनकी हत्या कर दी। भारतीय समयानुसार आज तड़के सुबह पांच बजे तीन आतंकवादियों ने उस वक्त खुद को उड़ा लिया जब आतंकवाद निरोधक पुलिस दस्ता वहां पहुंचा। चौथे आतंकवादी को मार गिराया गया।
बाउलेवर्द वोल्तेयर के निकट एक और हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। आसपास के कई दूसरे रेस्तरां और मनोरंजन स्थलों को निशाना बनाया गया। ओलोंद के कार्यालय ने कहा है कि पेरिस में पुलिस बल के साथ 1,500 सैनिकों को भी तैनात किया गया है।
उन्होंने आपातकाल की घोषणा की और कहा कि वह देश की सीमाओं को बंद कर रहे हैं। अधिकारियों ने बाद में बताया कि वे सीमाओं पर केवल दोबारा प्रतिबंध लगा रहे हैं जिन्हें 1980 में यूरोप की ओर से मुक्त-यात्रा क्षेत्र बनाने के बाद हटा दिया गया था। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘एक दृढ़ फ्रांस, एक एकीकृत फ्रांस, एक फ्रांस जो एकसाथ मिलकर आगे आता है और एक फ्रांस जो आज भी खुद को लड़खड़ाने नहीं देगा।
इस तबाही के साथ भावनाओं का एक अथाह सैलाब आया है। यह त्रासदी घृणित है क्योंकि यह वहशीपन है।’ पुलिस ने बताया कि कंसर्ट हॉल में हुई मौतों के अलावा पेरिस के 10वें आरोंदिसेमां के एक रेस्तरां और शुक्रवार रात को भीड़भाड़ वाले अन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले में कई लोगों की मौत हो गई।
हमले के बाद रॉक बैंड यू2 ने पेरिस में आज रात कंसर्ट की अपनी योजना रद्द कर दी।
ओलोंद ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, ‘यह एक कड़ी परीक्षा है, एक बार फिर हम पर हमला किया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि यह किसने किया है, अपराधी कौन हैं और ये आतंकी कौन हैं?’ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि यह ‘संपूर्ण मानवता पर हमला है।’
उन्होंने कहा कि पेरिस पर किए गए हमले ‘मासूम नागरिकों को आतंकित करने का घृणित प्रयास है।’ उन्होंने संकल्प लिया कि वह इन हमलों की साजिश करने वालों को न्याय के कठघरे तक लाने के लिए हरसंभव मदद करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस हमलों की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह ‘मानवता पर हमला’ है। इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि बहुत देर हो जाए, इससे पहले आतंकवाद को परिभाषित किया जाए ताकि पूरी दुनिया यह जान सके कि कौन आतंकवाद का समर्थन कर रहा है और कौन इसके खिलाफ है।
ओलोंद को इस सप्ताहांत तुर्की में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जाना था लेकिन उन्होंने इस यात्रा को रद्द कर दिया। इस शिखर सम्मेलन में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के बढ़ते भय पर प्रमुख तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाना है।