
वाशिंगटन: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए अपनी कार्यकुशलता के लिए भले ही दुनियाभर में प्रख्यात हो, लेकिन यह संस्था अपनी कारगुजारियों के लिए भी उतना ही कुख्यात है। सीआईए पकड़े गए लोगों को भयंकर यातनाएं देती है, जिसका खुलासा कोई और नहीं, बल्कि अमेरिकी सीनेट ने किया है। खबरों के मुताबिक सीआईए संदिग्धों से पूछताछ के दौरान उन्हें छोटे बक्सों में बंद कर देती है। संदिग्धों को कई कई दिनों तक सोने या आराम करने नहीं दिया जाता। उन्हें पीटा जाता है और जान से मारने की धमकी दी जाती है। सीआईए की कारगुजारियों की फेहरिश्त यहीं नहीं रुकती, बल्कि यह एजेंसी संदिग्धों के परिवार के यौन शोषण की हद तक भी जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि एजेंसी की इस हरकतों और कुकर्मों को अमेरिकी सीनेट ने ही अपनी रपट के जरिए बयां किया है। मंगलवार को सीनेट ने अपनी रपट सामने रखी। रपट में कहा गया कि एजेंसी कई बार पूछताछ को लेकर राष्ट्रपति भवन और अमेरिकी संसद यानी कांग्रेस को भी झांसे में रखती है और संदिग्धों के बारे में या तो गलत जानकारियां देती है या फिर जानकारियां छुपाती है। इस रपट ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी के क्रूर चेहरे को सामने रखा है। इस रपट में कहा गया है कि जानकारियां उगलवाने के लिए इसके लोग गुदा मार्ग से पानी और अन्य चीजें डालते थे। कई संदिग्धों को तो पानी में डूबाकर रखा गया, ताकि उनसे जानकारियां ली जा सकें।
सीआईए देश के राष्ट्रपति और संसद से भी बंदियों की संख्या छुपाती रही है। खबरों के मुताबिक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 2002 में इस तरह की यातनाओं की मंजूरी दी थी, हालांकि बराक ओबामा ने इन्हें खत्म कर दिया। रपट में यह भी कहा गया है कि तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद आतंकवाद रोकने में यूएस एजेंसी असफल रही है। सीनेट ने इस रिपोर्ट का 480 पन्नों वाला सारांश जारी किया। हालांकि, सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी की कथित तौर पर 6,000 पन्नों की सम्पूर्ण रिपोर्ट गोपनीय बनी हुई है।