लखनऊ

बकरीद का बाजार सजा, बकरा मंडी में बकरों की खरीदारी शुरू

kurलखनऊ, (दस्तक ब्यूरो)  ईद-उल-अजहा यानी बकरीद के लिए पुराने शहर के बाजार सजने लगे हैं। इसके अलावा राजधानी की नीबू पार्क स्थित सबसे बड़ी बकरा मंडी में बकरों की खरीदारी भी शुरू हो गयी है।  ऊंट भी बिकने के लिए आये हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस साल बकरों के दामों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। नीबू पार्क बकरा मंडी में ४० हजार रुपये तक के बकरे हैं। वैसे यहां औसत दज्रे का बकरा जो पिछले सप्ताह सात हजार का था, आज आठ हजार रुपये में है। यहां बकरीद के लिए बकरा खरीदने वालों की सुबह से ही भीड़ थी। बकरा खरीदारों को उम्मीद थी कि दस दिन पहले से बकरा खरीदने पर कुछ सस्ता मिल जाएगा, लेकिन बकरा मंडी पहुंचने पर उनको निराशा ही हाथ लगी। व्यापारियों को अभी बाजार और तेज होने की उम्मीद है।
इस वजह से अधिकतर ग्राहक बकरे के दाम पूछकर ही लौट गये। इस साल पुराने शहर के  मंडी में कुर्बानी के लिए ऊंट के बाजार सजने शुरू हो गये हैं। ऊंट के व्यापारियों ने बताया कि इस साल ऊंट की कीमत तीस हजार से पचास हजार में है। उनका कहना है कि अगर मंडी में अधिक माल आ गया तो दाम कम भी हो सकते हैं। उधर बकरीद की नमाज के लिए पुराने शहर में दुकानों पर डिजाइनर टोपियां सज गयी हैं। दुकानों पर सुन्दर टोपियों की कई किस्में है। आकर्षक रंग और डिजाईन की हुई टोपियों से दुकाने भरी पड़ी हैं। इसके अलावा कढाई वाली, कुरेशिये की व बकरम लगी टोपियां भी बाजार में है।
पुराने शहर दुकाने लेडीज चिकन कुत्रे व शलवार सूट और जेन्टस कुत्रे-पायजामों, पठानी सूट, स्कार्फ (बड़े रूमाल) से भर गयी हैं। अकबरी गेट, नक्खास और अमीनाबाद में चिकन के कपड़ों के साथ-साथ रेडीमेड जीन्स, टीशर्ट व बच्चों के कई प्रकार के कपड़ों की दुकाने सजी हैं। बकरीद के लिए विभिन्न प्रकार के इत्र भी बाजार में हैं। अमीनाबाद, नजीराबाद व चौक में इत्र की दुकान पर हिना, शमामा, संगे असवत, अल हबीब, सेहरा, महफिल, खुशनुमा और जन्नतुल फिरदौस के अलावा अकबरी गेट पर जन्नत-उल-फिरदौस, अलसूद, अटर शमामा, हिना तीन और तरह-तरह के परफ्यूम मौजूद है।
अमीनाबाद, गड़बड़झाला, नक्खास व चौक में आर्टीफीशियल ज्वैलरी की दुकानों पर एक से बढकर एक डिजाइने हैं। यहां हार-बुन्दे, माला, ब्रेसलेट, इयर रिंग, पायल, बाजूबंद के अलावा तरह-तरह के हेयरबैण्ड वगैरह हैं। बकरीद पर शाही जमजम, जाफरानी, मुन्नका, बनारसी और बनारसी गोला सिंवई दस्तरख्वान की जीनत बनेगी।

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