सात साल के बच्चे से कुकर्म करने वाले युवक को अदालत ने सजा तो सुना दी, लेकिन उसकी कहानी ने सबको झकझोर कर रख दिया। कुकर्म कर हत्या करने वाले युवक को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रमा पांडेय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता बीएस नेगी ने बताया कि डोईवाला क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 23 अगस्त 2013 को थाना डोईवाला में अपने सात वर्षीय बालक की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
अगले दिन बालक का शव मारुति एस्टीम कार नंबर यूए 07 ए 9406 की पिछली सीट से बरामद हुआ। यह कार डोईवाला निवासी अमित कौशल की थी। जांच में बालक के साथ कुकर्म कर हत्या की पुष्टि हुई थी।
काम नहीं आई दलील
न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 10 गवाह पेश किए गए, जिसमें चार गवाहों को अभियोजन से पक्षद्रोही घोषित किया। बचाव पक्ष ने एक गवाह के बयान कराए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने माना कि आरोपी अमित कौशल ने ही पड़ोस में रहने वाले नाबालिग पीड़ित के साथ जबरन कुकर्म किया और अपना कुकृत्य छिपाने के लिए बालक की हत्या कर दी। शव को ठिकाने लगाने के इरादे से उसने उसे अपनी गाड़ी में रखा था। हालांकि वह शव ठिकाने लगाता, उससे पहले ही पकड़ा गया।
उम्रकैद और 1.35 लाख जुर्माना
कोर्ट ने आरोपी अमित को आईपीसी की धारा 377/302/201 और पॉक्सो एक्ट की धारा छह के तहत दोषी करार दिया। बचाव पक्ष ने दोषी के 30 वर्षीय नवयुवक होने का हवाला देते हुए सजा में रियायत की गुहार लगाई। हालांकि कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। अमित पर हत्या के अपराध में आजीवन कारावास व 50 हजार अर्थदंड, धारा छह पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का कठोर कारावास व 50 हजार अर्थदंड और धारा 377 (अप्राकृतिक दुष्कर्म) में सात वर्ष का कठोर कारावास व 30 हजार अर्थदंड लगाया गया। इसके अलावा धारा 201 में तीन वर्ष का कठोर कारावास और पांच हजार अर्थदंड लगाया गया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
पीड़ित परिवार को मुआवजा
कोर्ट ने 50 हजार अर्थदंड में से 30 हजार और 30 हजार अर्थदंड में से 20 हजार मुआवजा पीड़ित के परिवार को देने के आदेश दिए। इसके अलावा सीआरपीसी की धारा 357 के तहत पीड़ित परिवार को ‘उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता योजना वर्ष 2013’ के तहत 35 हजार रुपये क्षतिपूर्ति भी देने के निर्देश दिए। कोर्ट ने जिलाधिकारी को पीड़ित पक्ष को क्षतिपूर्ति के 35 हजार रुपये दिलवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।