बच्चों की सुरक्षा के लिए सजग रहें अभिभावक
आजकल जिस प्रकार से बच्चे भी बदसलूकी हिंसा और छेड़छाड़ के शिकार हो रहे हैं उसको देखते हुए उन्हें सजग करना अभिभावकों की जिम्मेदारी है ताकि वे सुरक्षित रहें। आप अपने बच्चों को कुछ ऐसी बातें सिखा सकते हैं जो उन्हें मजबूत बनाने के साथ ही उन्हें मुसीबत में पड़ने पर निकाल भी सकें। या आपका बच्चा दर्द से कराहता हुआ घर वापस आता है, उसकी आंखों में आंसू हैं और वह चुपचाप घर के कोने में बैठ जाता है तो उसकी अनदेखी करने की जगह प्यार से पूछे कि क्या हुआ और उसकी सहायता करें। इस मामले में जो भी दोषी हों उनके खिलाफ कार्रवाई के प्रयास करें।
बच्चों का यौन उत्पीड़न भले ही असामान्य लगे, लेकिन ऐसा है नहीं यह दुर्भाग्यपूर्ण जरूर है, लेकिन असामान्य नहीं है। आप जितना सोच भी नहीं सकते उससे भी ज्यादा मामले ऐसे हैं जो सीधे तौर पर बच्चों के यौन उत्पीड़न से जुड़े हुए हैं। यह बहुत दुखद है कि कुछ लोग अपनी वासना पर नियंत्रण नहीं कर पाते और बच्चों को अपना शिकार बना लेते हैं।
इसमें भी जो सबसे खराब बात है वो ये है कि उन डरे हुए बच्चों को तो यह भी नहीं मालूम है कि उनके साथ हो क्या रहा है और उन्हें इसके बारे में किससे बात करनी चाहिए। हो सकता है कि आपका बच्चा जिंदगी के सबसे कड़वे अनुभव से गुजर रहा है और आपको उसके बारे में पता भी नहीं है। यौन उत्पीड़न बच्चों का बचपन उजाड़कर उनका सामना दुनिया के अंधेरे पहलुओं से करा रही है। आप दुनिया की इन अंधेरी गलियों को गायब नहीं कर सकते, लेकिन आप इसके खतरे को कुछ कम जरूर कर सकते हैं। आप अपने बच्चों को कुछ ऐसी बातें बता सकते हैं जो उन्हें मजबूत बनाने के साथ ही उन्हें ये भी बताएंगी कि अगर वे किसी मुसीबत में पड़ जाएं तो उन्हें क्या करना चाहिए।
बच्चे से बातचीत करें
अपने बच्चे से बातचीत करें। बच्चे को बोलने के लिए प्रोत्साहित करें और उससे पूछें कि उसने दिन भर क्या-क्या किया। उनके साथ बैठें, बातें करें क्योंकि उन्हें कई बार अंदाजा नहीं होता है कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है। वो शायद इतने समझदार न हों कि इन गलत बातों के बारे में समझ सकें। इसीलिए आप को उन्हें समझाना होगा।
बच्चों को उनके शरीर के बारे में बताएं
बच्चों को उनके अंगों के बारे में बताएं। अगर ज्यादा डिटेल में नहीं बता सकते तो कम से कम ये जरूर बताएं कि शरीर के कौन से हिस्से बेहद प्राइवेट होते हैं, जिन्हें कोई नहीं छू सकता।
ताकि बच्चे आप से बात करें
अपने बच्चों से कहिए कि वो आपके पास आकर बात करें। बच्चों के साथ मजबूत संवाद बनाना बेहद जरूरी है ताकि वे आपसे बात कर सकें। उन्हें सिखाइए कि वे आपसे बातें छिपाएं नहीं और जानने के बाद आप गुस्सा होने के बजाए खुश होंगे। आप उन्हें भरोसा दिलाइए कि आप उनकी मदद करेंगे और उन्हें सुरक्षा देंगे।
सही-गलत की पहचान
बच्चों को बताइए कि किस तरह का बर्ताव गलत है और उसके बारे में किसी बड़े को जल्द से जल्द बताना चाहिए हालांकि यौन उत्पीड़न जननांगों के अलावा होंठ, टांगें, गरदन और यहां तक कि बांहों तक ही सीमित नहीं है, लेकिन इनके बारे में बताकर आप शुरुआत तो कर ही सकते हैं। उन्हें बताइए कि किस तरह का टच सही और किस तरह का बर्ताव बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और उसके बारे में जितना जल्दी हो सके आपको बताना है।
बच्चों को सिखाएं प्यार जताने का तरीका
कई बार आप जिस तरह से अपने बच्चे को लाड़ करते हैं वैसे ही यौन हमलावर भी करते हैं। जैसे कि जब आप थोड़ी थकान महसूस करते हैं या परेशान होते हैं तो आप अपने बच्चे से आपको किस और हग करने के लिए कहते हैं। इससे आपका बच्चा यह समझने लगता है कि जब कोई दुखी होता है तो उसे खुश करने के लिए यही किया जाता है। इसी तरह का रवैया हमलावर आपके बच्चे पर भी आजमा सकता है। ऐसे में आपको अपने ढंग से बच्चों को प्यार जताने का तरीका सिखाना होगा। ज्यादातर यौन हमलावर इसे दो लोगों के बीच का सीक्रेट कहते हैं और इसके बारे में किसी को भी बताने से मना कर देते हैं। आप अपने बच्चों को सिखाइए कि कोई भी बात मम्मी-पापा से नहीं छिपानी चाहिए। उन्हें बताइए कि इस तरह की सीक्रेट बातें छिपाना खतरनाक हो सकता है।
किन लोगों पर भरोसा करें बच्चे
अपने बच्चों को बताइए कि वे किन लोगों पर भरोसा कर सकते हैं और किनसे उन्हें दूर रहना है लेकिन इससे भी जरूरी उन लोगों का चुनाव करना आपकी जिम्मेदारी है। आपका बच्चा जिस स्कूल में जाता है, जो टीचर आपके बच्चे को देखती है, जो बेबीसिटर आपके बच्चे की देखभाल करता है और यहां तक कि हर वो आदमी जो किसी न किसी रूप में आपके बच्चे से जुड़ा हुआ, उसका चुनाव करते समय बेहद सावधानी बरतें ताकि उस पर आप भरोसा कर सकें। देखा जाए तो हमारे बच्चे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे समय में जरूरी है कि आप अपने बच्चे के साथ जुड़े रहें।