बच्चों के साथ इंटरनेट उपयोग पर भरोसा बनाएं
वाशिंगटन । क्या आपका बच्चा पूरा समय इंटरनेट से चिपका रहता है? ऐसा है तो अपने बच्चे पर चिल्लाएं नहीं न ही गुस्सा करें बल्कि उसके साथ शांति से बैठकर बात करें।शोधकर्ताओं का कहना है कि अभिभावकों को नैतिकता ऑनलाइन सामग्रियों के बारे में फैसले करने के मसलों पर अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन देने के लिए तुलनात्मक दृष्टिकोण और प्रक्रिया अपनानी चाहिए।बच्चों की परवरिश और किशोरावस्था की सुरक्षा के लिए किए गए एक अध्ययन के मुताबिक पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि अभिभवकों को अपने किशोर होते बच्चों के साथ इंटरनेट के उपयोग और ऑनलाइन गतिविधियों के निरीक्षण के बारे में संतुलित स्तर बनाए रखना चाहिए।पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में इंफॉमेशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी की शोधकर्ता पामेला विस्न्विस्की ने बताया ‘‘ज्यादातर सख्त अभिभावक अपने बच्चों के इंटरनेट इस्तेमाल पर पाबंदी लगाकर सकारात्मक ऑनलाइन सामग्रियों के अनुभव को भी बाधित करते हैं और ज्यादा उदार अभिभावक इस बात का भी ध्यान नहीं रखते कि उनका बच्चा इंटरनेट का इस्तेमाल किन चीजों के लिए कर रहा है।’’इसके बजाय सक्रिय मध्यस्थता और ऑनलाइन निगरानी की आदत बच्चों की परवरिश के लिए बेहतर रणनीति हो सकती है।पामेला ने कहा ‘‘अभिभावकों को एक सीमा तक किशोर होते बच्चों के क्रियाकलाप और गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए लेकिन गुप्त रूप से नहीं ऐसा करने से आप अपने बच्चे का विश्वास खो सकते हैं।’