दस्तक टाइम्स/एजेंसी-हरियाणा :
फरीदाबाद | सुनपेड प्रकरण में दो बच्चों को जिंदा जलाए जाने की जांच कर रही सीबीआई टीम सीएफएसएल और आग में झुलसे दंपती की एमएलआर (मेडिको लीगल रिपोर्ट) का गहन अध्ययन कर रही है। कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो 15 दिन में केस की तस्वीर साफ हो सकती है। अब तक यह साफ हो चुका है कि हादसे के वक्त पीिड़ता रेखा बेड पर नहीं सो रही थी। साथ बच्चों के ऊपर ज्यादा केरोसिन उड़ेला गया था।
सीबीआई की सीएफएसएल टीम ने प्रायोगिक जांच के बाद यह मान लिया है कि रेखा वर्टिकल शेप (खड़ी हालत में) में ही आग की लपटों में आई थी। इसका सीधा मतलब है कि जिस वक्त उस पर ज्वलनशील पदार्थ डला था, बेड पर नहीं सो रही थी, बल्कि खड़ी थी। हरियाणा फोरेंसिक साइंस लैब रिपोर्ट भी यह साफ कर चुकी है कि जब आग लगी, तब रेखा बेड के पास उस जगह खड़ी थी, जहां वैभव दिव्या सो रहे थे। सीबीआई की फोरेंसिक टीम ने वैभव दिव्या की बर्न रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अध्ययन किया है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि ये दोनों बच्चे 30 प्रतिशत से अधिक झुलसे थे। जो प्लास्टिक बोतल कमरे से बरामद हुई, उसमें एक लीटर से कम केरोसिन था।
माना जा रहा है कि केरोसिन बच्चों पर ही ज्यादा मात्रा में गिरा था। बर्न रिपोर्ट के अनुसार बोतल में से आधा केरोसिन तो बच्चों पर ही उड़ेला गया था, बाकी रेखा के ऊपर गिरा। रेखा की बर्न रिपोर्ट 20 प्रतिशत के आसपास है।
बचाव पक्ष के वकील सीबीआई द्वारा 3 नवंबर को आरोपियों को कोर्ट में पेशी के बाद रिमांड पेपर हाथ में जाने के बाद बेबुनियाद केस का आधार बनाते हुए जमानत याचिका लगा सकता है। वहीं, सीबीआई जांच शुरू होने के बाद से पीड़ित आरोपी पक्ष में भय भरी खामोशी छाई है। जितेंद्र किसी से बात नहीं कर रहा। आरोपी पक्ष के दो मकानों पर ताले जड़े हैं। पीड़ित और आरोपी पक्ष के बीच एक गली और कुछ मकानों का फासला है। गांव के लोग तो इस गली से आते-जाते ही नहीं।
इधर, थाना पुलिस और एसआईटी की जांच पर तो पीड़ित पक्ष ही सवाल उठा रहा था, लेकिन अब दलित पैरोकार संगठन भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) की महिला विंग कमांडर ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए हैं। कविता ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए कहा कि 72 घंटे के बाद सीबीआई को घटनास्थल पर क्या साक्ष्य सबूत मिले होंगे। जांच की आड़ में केवल नाटक चल रहा है।
सीएफएसएल ने मानी वर्टिकल पॉजिशन
सीबीआईकी सीएफएसएल टीम ने जांच के बाद मान लिया है कि रेखा वर्टिकल शेप (खड़ी हालत में) में ही आग की लपटों में आई थी। जिस वक्त उस पर ज्वलनशील पदार्थ डला, वह खड़ी थी, जहां वैभव दिव्या सो रहे थे।
बच्चे30 रेखा 20 प्रतिशत झुलसी
सीबीआईकी फोरेंसिक टीम ने वैभव दिव्या की बर्न रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट किया कि ये दोनों बच्चे 30 प्रतिशत से अधिक रेखा की बर्न रिपोर्ट 20 प्रतिशत झुलसी है। झुलसे थे।
कमरे से बरामद प्लास्टिक बोतल में एक लीटर से कम केरोसिन था, जो बच्चों पर ही आधे से ज्यादा उड़ेला गया, बाकी रेखा के ऊपर गिरा। रेखा की बर्न रिपोर्ट 20 प्रतिशत के आसपास है।
इधर, थाना पुलिस और एसआईटी की जांच पर तो पीड़ित पक्ष ही सवाल उठा रहा था, लेकिन अब दलित पैरोकार संगठन भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) की महिला विंग कमांडर ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए हैं। कविता ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए कहा कि 72 घंटे के बाद सीबीआई को घटनास्थल पर क्या साक्ष्य सबूत मिले होंगे। जांच की आड़ में केवल नाटक चल रहा है।
सीबीआईकी सीएफएसएल टीम ने जांच के बाद मान लिया है कि रेखा वर्टिकल शेप (खड़ी हालत में) में ही आग की लपटों में आई थी। जिस वक्त उस पर ज्वलनशील पदार्थ डला, वह खड़ी थी, जहां वैभव दिव्या सो रहे थे।
सीबीआईकी फोरेंसिक टीम ने वैभव दिव्या की बर्न रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट किया कि ये दोनों बच्चे 30 प्रतिशत से अधिक रेखा की बर्न रिपोर्ट 20 प्रतिशत झुलसी है। झुलसे थे।
कमरे से बरामद प्लास्टिक बोतल में एक लीटर से कम केरोसिन था, जो बच्चों पर ही आधे से ज्यादा उड़ेला गया, बाकी रेखा के ऊपर गिरा। रेखा की बर्न रिपोर्ट 20 प्रतिशत के आसपास है।