बच्चों में चारित्रिक गुणों व जीवन मूल्यों का करें विकास
सी.एम.एस. गोमती नगर में विश्व एकता सत्संग
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर आॅडिटोरियम में आयोजित ‘विश्व एकता सत्संग’ में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व बहाई धर्मानुयायी डा. भारती गाँधी ने अभिभावकों का आह्वान किया कि बच्चों में प्रारम्भ से ही चारित्रिक गुणों व जीवन मूल्यों का विकास करें। डा. गाँधी ने कहा कि माँ ही बच्चे की सर्वप्रथम शिक्षिका है अतः बच्चों को संस्कारों व जीवन मूल्यों की शिक्षा देने की महती जिम्मेदारी माताओं के कंधे पर ही है। वही बच्चे को बनाती-बिगाड़ती है और वही बच्चे का चरित्र निर्माण करती है। डा. भारती गांधी ने कहा कि शिक्षा तीन प्रकार की होती है – भौतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक। तीनों प्रकार की समुचित शिक्षा से ही बच्चे चरित्रवान बनेंगे और जिस प्रकार महात्मा गाँधी ने सत्य और अहिंसा के हथियार से भारत को आजाद करवाया था, उसी प्रकार ये बच्चे भी ‘जय जगत’ की भावना से विश्व मानवता का कल्याण करेंगे। इससे पहले, विश्व एकता सत्संग का शुभारम्भ सी.एम.एस. के संगीत शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत सुमधुर भजनों से हुआ।
विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. महानगर के छात्रों ने शैक्षिक-आध्यात्मिक कार्यक्रमों की अनेक प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्कूल प्रार्थना ‘हे मेरे परमात्मा’ से कार्यक्रम की शुरूआत करके छात्रों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी। ‘ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा’ और ‘आई एम हैप्पी टुडे’ एवं प्रार्थना गीत ‘इधर भी ईश्वर, उधर भी ईश्वर’ ने जहाँ खूब तालियां बटोरी तो वहीं दूसरी ओर सहायता एवं दयालुता पर आधारित लघु नाटिका को सभी ने खूब सराहा। इस अवसर पर छात्रों की माताओं ने ‘विश्व हमें देता है सब कुछ’ गीत प्रस्तुत किया। विश्व एकता संत्संग में विभिन्न धर्मों के विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए एकता व शान्ति की आवश्यकता पर बाल दिया। सत्संग का समापन संयोजिका वंदना गौड़ के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।