नई दिल्ली : आगामी बजट सत्र से पहले मोदी मंत्रिमंडल का चेहरा बदलने की कवायद शुरू हो गई है। हालांकि पिछले ही साल नवंबर 2014 में दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पहली बार मंत्रिमंडल में बदलाव किया गया था, लेकिन इन दोनों ही राज्यों में उम्मीद के विपरीत परिणाम मिलने के बाद से लगातार एक बार फिर कैबिनेट में बदलाव की चर्चा शुरू हो गई थी।
सरकार और भाजपा के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष शाह के बीच चली मैराथन बैठक में बदलाव के प्रारूप पर सहमति बन गई है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक बिहार से बनाए गए कुछ मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है। इसके साथ कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल और कुछ को पदोन्नति दी जा सकती है। सूत्र बताते हैं कि इस बदलाव के बाद लोकसभा चुनाव 2019 तक कोई बदलाव नहीं होगा। संघ ने मोदी को मंत्रिमंडल में बदलाव या विस्तार करने के लिए अपनी सहमति दे दी है।
मोदी मंत्रिमंडल में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से कोई लोकसभा सांसद नहीं है। हिमाचल प्रदेश की चार और उत्तराखंड में लोकसभा की 5 सीटे हैं। नए बदलाव में इन दोनों राज्यों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। मोदी मंत्रिमंडल में फिलहाल पीएम मोदी को मिलाकर 27 कैबिनेट मंत्री, 13 स्वतंत्र प्रभार के मंत्री और 25 राज्य मंत्री हैं। इनकी कुल संख्या 65 है। इनमें 7 कैबिनेट, 4 स्वतंत्र प्रभार और एक राज्य मंत्री राज्य सभा से हैं।
बिहार के राम कृपाल यादव और गिरिराज सिंह, उप्र से साध्वी निरंजना ज्योति, राम शंकर कठेरिया का मंत्रिमंडल से बाहर जाना लगभग तय माना जा रहा है। बिहार से केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह का विभाग बदला जा सकता है। राजग में शामिल शिवसेना के कोटे से एक और मंत्री बनाये जाने की संभावना है। अल्पसंख्यक मामले की मंत्री नजमा हेपतुल्ला, महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के विभागों में फेरबदल होने की संभावना है।
सूत्र बताते हैं कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि अमित शाह ईरानी को अपनी टीम में लेने को तैयार नहीं है। संघ संस्कृति मंत्रालय संभाल रहे महेश शर्मा के काम से संतुष्ट है, लेकिन स्मृति ईरानी से मानव संसाधन मंत्रालय वापस लिए जाने के पक्ष में है।